काठमांडू। नेपाल आगामी नौ जून को प्रतिनिधि सभा के जरिए नए विवादित नक्शे पर संवैधानिक संशोधन को को मंजूरी देगा। समाचार एजेंसी ने नेपाली मीडिया के हवाले से यह जानकारी दी है। संविधान संशोधन पारित हो जाने के बाद नेपाल के नए नक्शे को कानूनी दर्जा मिल जाएगा जिसमें भारत के कुछ हिस्सों को अपना बताया गया है। नेपाल ने बीते दिनों लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा के रणनीतिक प्रमुख क्षेत्रों पर दावा करते हुए देश का संशोधित राजनीतिक और प्रशासनिक मैप जारी किया था जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस नए नक्शे में भारतीय इलाकों को दिखाए जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए नेपाल को भारत की संप्रभुता का सम्मान करने की नसीहत दी थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि नेपाल इस मसले पर भारत की स्थिति से पूरी तरह वाकिफ है। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा था कि नेपाल सरकार को बनावटी कार्टोग्राफिक प्रकाशित करने से बचना चाहिए और अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए।
बीते दिनों कैलास मानसरोवर तक की यात्रा को बेहतर बनाने के लिए उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में चीन-नेपाल बॉर्डर के पास लिपुलेख दर्रे से पांच किलोमीटर पहले तक सड़क निर्माण के मसले पर नेपाल की ओर से आपत्ति जताए जाने पर सेना प्रमुख ने एक बड़ा बयान दिया था। सेना प्रमुख ने इस मसले के पीछे भी चीन की ओर इशारा किया था। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने (Army Chief Gen MM Naravane) ने कहा था कि संभावना है कि नेपाल ऐसा किसी और के कहने पर कर रहा है।