कानपुर। मध्य प्रदेश में उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाहर पकड़ा गया दुर्दांत विकास दुबे शुक्रवार को कानपुर में उत्तर प्रदेश एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में ढेर हो गया। कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गांव में सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपित विकास दुबे की कानपुर में एसटीएफ के साथ मुठभेड़ हो गई। विकास दुबे को चार गोली लगी है। इनमें तीन तीन गोली सीने में और एक गोली हाथ में लगी है।
कानपुर में सचेंडी क्षेत्र के कन्हैया लाल हॉस्पिटल के पास एनकाउंटर स्थल का मुआयना करने कानपुर एसएसपी दिनेश कुमार पी और आईजी मोहित अग्रवाल हैलट अस्पताल भी पहुंचे। कानपुर के एसएसपी दिनेश पी ने विकास दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने की पुष्टि की है। एसएसपी दिनेश कुमार पी के मुताबिक गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे पुलिस वालों के हथियार लेकर भाग रहा था। पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की तो उसने फायरिंग की और जवाबी कार्रवाई में दुर्दांत अपराधी विकास दुबे मुठभेड़ में मारा गया।
पुलिस के काफिले में तीन गाड़ियां थीं। पनकी थाना क्षेत्र के भौंती के पास पुलिस की टीयूवी कार पलट गई। इस दौरान विकास ने नवाबगंज थाना प्रभारी की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की तो मुठभेड़ में पुलिस ने उसे मार गिराया। उसे सिर और सीने में तीन गोलियां लगी हैं। ब्रेन हेमरेज से उसकी मौत बताई जा रही है।
जब यूपी की स्पेशल टास्क फोर्स टीम कानपुर शूटआउट के मुख्य आरोपी को मध्य प्रदेश से लेकर चली, तभी से मीडिया की गाडिय़ां उसका पीछा कर रहीं थी। इस दौरान कानपुर तक भी मीडिया की गाड़ियां पीछे थी, लेकिन एक जगह पर करीब एक किलोमीटर पहले तक मीडिया की गाड़ियों को रोक दिया गया और चेकिंग की जा रही थी। इसके तुरंत बाद एसटीएफ के काफिले में शामिल गाड़ी के पलटने की खबर आई।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि कानपुर में आज विकास दुबे मुठभेड़ में मारा गया है। यहां के थाना चौबेपुर पर दिनांक 03.07.2020 को पंजीकृत मुअस 192/20 धारा 147/148/149/ 302/307/394/120बी भादवि व सात सीएलए एक्ट जो आठ पुलिसकर्मियों के शहीद होने से सम्बंधत है, में वांछित पांच लाख रुयपा इनामियां अभियुक्त विकास दुबे पुत्र राम कुमार दुबे निवासी बिकरू थाना चौबेपुर कानपुर नगर को उज्जैन, मध्य प्रदेश पुलिस के गिरफ्तार करने के बाद पुलिस व एसटीएफ टीम आज कानपुर नगर ला रही थीं। कानपुर नगर भौंती के पास पुलिस का उक्त वाहन दुर्घटना ग्रस्त होकर पलट गया, जिससे उसमें बैठे अभियुक्त व पुलिस जन घायल हो गये।
इसी दौरान अभियुक्त विकास दुबे उपरोक्त ने घायल पुलिस कर्मी की पिस्टल छीन कर भागने की कोशिश की। पुलिस टीम ने पीछा कर उसे घेर कर आत्मसमर्पण करने के कहा गया किन्तु वह नहीं माना और पुलिस टीम पर जान से मारने की नियत से फायर करने लगा। पुलिस ने आत्मरक्षार्थ जबाबी फायरिंग की गई, उपरोक्त विकाश दुबे घायल हो गया, जिसे तत्काल ही ईलाज के अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान अभियुक्त विकास दुबे की मृत्यु हो गयी है।
पांच लाख के इनामी विकास दुबे ने पुलिस का उक्त वाहन पलटने के बाद एसटीएफ की गिरफ्त से भागने का प्रयास किया। उसने दुर्घटना में घायल पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर फायरिंग की। विकास दुबे ने एसटीएफ की टीम पर हमला कर दिया। इसके बाद एसटीएफ की फायरिंग में गंभीर रूप से घायल विकास ने दम तोड़ दिया।
आसपास के लोगों ने गोलियों के तड़तड़ाहट की आवाज सुनी। पुलिस के अनुसार विकास ने पिस्टल छीनकर गोली चलाई थी। जिसके बाद उसके ऊपर फायर किया गया। गोली लगने से गंभीर रूप से घायल विकास ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। उसको बेहद गंभीर स्थिति में हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां डॉक्टरों ने विकास दुबे को मृत घोषित किया। कार हादसे में गाड़ी में मौजूद एसटीएफ के दो कर्मचारी भी घायल हुए हैं। घायलों को हैलेट अस्पताल पहुंचाया गया है।
टाइमलाइन में जानें कब क्या हुआ
गुरुवार रात करीब 3:15 बजे- झांसी बॉर्डर से एसटीएफ की टीम विकास दुबे को लेकर कानपुर के लिए रवाना हुई।
शुक्रवार सुबह करीब 4:45 बजे- एसटीएफ की टीम उरई के एट टोल से विकास दुबे को लेकर निकली है।
5.20 बजे – जालौन जिले के आटा टोल प्लाजा से विकास दुबे को लेकर काफिला निकला।
5:38 बजे – कालपी का यमुना पुल पार कर कानपुर देहात की सीमा में प्रवेश कर गया।
6:00 – बारा टोल कानपुर देहात से कानपुर नगर की तरफ रवाना हुई।
सुबह 6:15 – कानपुर देहात बॉर्डर रायपुर से नगर में प्रवेश किया।
सुबह 6:30 -एसटीएफ की गाड़ी पलटने की सूचना आई। अपराधी विकास दुबे के भागने की कोशिश पर गोली चलाने की सूचना आई।
सुबह -7:10 -एसटीएफ और पुलिस अपराधी विकास दुबे को अस्पताल लेकर पहुंची।
सुबह -7:55 पर डॉक्टरों ने अपराधी विकास दुबे को मृत घोषित किया।
बिकरू कांड में अब तक क्या हुआ?
2 जुलाई: गैंगस्टर विकास दुबे को गिरफ्तार करने बिकरू गांव में दबिश देने तीन थानों की पुलिस पहुंची। इस दौरान हुई मुठभेड़ में विकास की गैंग ने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी।
3 जुलाई: पुलिस ने सुबह 7 बजे विकास के मामा प्रेमप्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का एनकाउंटर कर दिया। 20-22 नामजद समेत 60 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई।
5 जुलाई: पुलिस ने विकास के नौकर और खास सहयोगी दयाशंकर उर्फ कल्लू अग्निहोत्री को घेर लिया। पुलिस की गोली लगने से दयाशंकर जख्मी हो गया। उसने खुलासा किया कि विकास ने पहले से प्लानिंग कर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था।
6 जुलाई: पुलिस ने अमर की मां क्षमा दुबे और दयाशंकर की पत्नी रेखा समेत तीन को गिरफ्तार किया। शूटआउट की घटना के वक्त पुलिस ने बदमाशों से बचने के लिए क्षमा दुबे का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन क्षमा ने मदद करने की बजाय बदमाशों को पुलिस की लोकेशन बता दी। रेखा भी बदमाशों की मदद कर रही थी।
8 जुलाई: एसटीएफ ने विकास के करीबी अमर दुबे को मार गिराया। प्रभात मिश्रा समेत 10 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया।
9 जुलाई: मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे उज्जैन से गिरफ्तार किया। प्रभात मिश्रा और बऊआ दुबे एनकाउंटर में मारे गए।
9 जुलाई : विकास की पत्नी रिचा भी बेटे के साथ कृष्णानगर के इंद्रलोक कॉलोनी स्थित अपने मकान के पास से पकड़ी गई। कृष्णा नगर पुलिस की मदद से रिचा को हिरासत में ले लिया। कृष्णा नगर पुलिस ने विकास के नौकर महेश को पकड़ कर एसटीएफ के हवाले कर दिया।
9 जुलाई : देर रात 3:15 बजे झांसी बॉर्डर से एसटीएफ की टीम विकास दुबे को लेकर कानपुर के लिए रवाना हुई।
10 जुलाई: गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया।