थल और जल सीमा के साथ डिजिटल सुरक्षा को लेकर क्या है भारत की तैयारी, PM मोदी ने पेश किया खाका

prime minister narendra modi addresses the nation during the 74th independence day celebrations  at
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा एवं प्रतिरक्षा की नई त्रिआयामी तैयारियों पर प्रकाश डालते हुए शनिवार को कहा कि रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के साथ-साथ समुद्री सुरक्षा को विस्तार देने के लिए द्वीपों पर ढांचागत सुविधाएं बढ़ायीं जाएंगी और सीमावर्ती क्षेत्रों में एक लाख नौजवानों को राष्ट्रीय कैडेट कोर में शामिल किया जाएगा। पीएम मोदी ने लालकिले की प्राचीर से 74वें स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के जितने प्रयास शांति और सौहार्द के लिए हैं, उतनी ही प्रतिबद्धता अपनी सुरक्षा के लिए, अपनी सेना को मजबूत करने की है। उन्होंने कहा कि भारत अब रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए भी पूरी क्षमता से जुट गया है।

पीएम नरेंद्र मोदी के संबोधन की खास बातें 

1- प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा में हमारी सीमाओं और तटवर्ती क्षेत्रों में ढांचागत सुविधाओं की भी बहुत बड़ी भूमिका है। हिमालय की चोटियां हों या हिंद महासागर के द्वीप, आज देश में सड़क और इंटरनेट कनेक्टिविटी का तेज़ गति से अभूतपूर्व विस्तार हो रहा है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया और उनकी स्वर्णिम चतुभुर्ज योजना को देश के आर्थिक विकास की रीढ़ बताते हुए कहा कि उनकी सरकार देश के संपूर्ण समुद्र तट के किनारे चार लेन वाली सड़क बनाएगी।

2-समुद्र में खासकर हिन्द महासागर में ब्ल्यू इकोनॉमी के क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने और नौसैनिक शक्ति में विस्तार के इरादे का इजहार करते हुए मोदी ने कहा कि देश में 1300 से ज्यादा द्वीप हैं। इनमें से कुछ चुनींदा द्वीपों में, उनकी भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, देश के विकास में उनके महत्व को ध्यान में रखते हुए, नई विकास योजनाएं शुरू करने पर काम चल रहा है।

3- प्रधानमंत्री ने इसी माह चेन्नई से अंडमान निकोबार द्वीप समूह में पोर्ट ब्लेयर तक सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल का उद्घाटन किया है। उन्होंने कहा कि अगले 1000 दिन में, लक्षद्वीप को भी सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ दिया जाएगा।

4- सीमावर्ती क्षेत्रों में नौजवानों को राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रयासों से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) को बढ़ावा देने का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अब एनसीसी का विस्तार देश के 173 सीमावर्ती और तटवर्ती जिलों तक सुनिश्चित किया जाएगा। इस अभियान के तहत करीब एक लाख नए एनसीसी कैडेट को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। इनमें भी करीब एक तिहाई बेटियों को ये स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी।

5- पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ करीब साढ़े तीन माह से जारी तनातनी का जिक्र करते हुए कहा कि एलओसी से लेकर एलएसी तक, देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई है, देश ने, देश की सेना ने उसका उसी भाषा में जवाब दिया है। भारत की संप्रभुता का सम्मान हमारे लिए सवोर्च्च है। इस संकल्प के लिए हमारे वीर जवान क्या कर सकते हैं, देश क्या कर सकता है, ये लद्दाख में दुनिया ने देखा है।

6- उन्होंने पाकिस्तान एवं चीन दोनों की ओर इशारा करते हुए कहा कि आतंकवाद हो या विस्तारवाद, भारत के जवानों से इनका बखूबी मुकाबला किया है। उन्होंने इशारों में यह भी कहा कि विस्तारवादी सोच दूसरे देशों को गुलाम बनाती है।

7- प्रधानमंत्री ने देश के डिजीटल ढांचे पर साइबर हमलों के खतरे का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत इस संदर्भ में सचेत है, सतर्क है और इन खतरों का सामना करने के लिए फैसले ले रहा है और नई-नई व्यवस्थाएं भी लगातार विकसित कर रहा है। देश में नई राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है।

8- वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सीमा की रक्षा करते हुए चीन के सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि देश रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर जवानों को वह नमन करते हैं।