लखनऊ। उत्तर प्रदेश भाजपा के पार्टी फण्ड से करीब 93 करोड़ अड़तीस लाख रुपयों की हेराफेरी व चोरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है. इसका खुलासा खोजी पत्रकार नवनीत चतुर्वेदी ने आज लखनऊ में किया. इससे पहले नवनीत ने 2014 में भाजपा की बम्पर जीत को काले धन व विदेशी ख़ुफ़िया एजेंसियों से जोड़ते हुए प्रशांत किशोर को मोसाद का एजेंट बताया था. उसके बाद प्रशांत किशोर की फंडिंग पर सवाल उठाए. नवनीत पिछले एक महीने में देश भर में 9 प्रेस कांफ्रेंस कर चुके हैं.
नवनीत ने बताया कि वो आंध्र प्रदेश भाजपा में 23 करोड़, महाराष्ट्र भाजपा में 95 करोड़ और मध्यप्रदेश भाजपा में 119 करोड़ पार्टी फण्ड से गायब व चोरी होने का खुलासा पिछली प्रेस कांफ्रेंस में कर चुके हैं. इस मुद्दे को संबंधित राज्यों के कुछ मीडिया समूहों ने उठाया भी है. शिवसेना के मुखपत्र सामना के सोमवार 8 अक्टूबर के संपादकीय लेख में इन सब मुद्दों को जम कर उठाया गया है.
उत्तर प्रदेश भाजपा से जुड़ा 93 करोड़ की हेराफेरी के मसले पर नवनीत चतुर्वेदी बताते हैं-
”पिछले विधानसभा चुनाव के वक़्त चुनाव आयोग का मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट 17 जनवरी 2017 से ले कर 15 मार्च 2017 तक लगा हुआ था. इस अवधि में हुए तमाम राजनीतिक चुनावी आय-व्यय के ब्यौरे को हर राजनीतिक दल को चुनाव आयोग में प्रस्तुत करना होता है. प्राप्त दस्तावेज बताते है कि 6 जुलाई 2017 को भाजपा ने यह रिपोर्ट बकायदा चार्टर्ड अकॉउंटेंट से सत्यापित करवाते हुए मय राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष व पीयूष गोयल और संगठन मंत्री राम लाल के हस्ताक्षरों व मुहर के साथ जमा करवाई. उक्त दस्तावेजों के अध्ययन से पता चलता है कि 17 जनवरी 2017 को भाजपा पार्टी फण्ड [केंद्र व यूपी राज्य मिला कर] कुल जमा उपलब्ध नगदी व बैंक जमा धन 68.71 करोड़ था. 17 जनवरी से 15 मार्च तक पार्टी फण्ड [केंद्र व यूपी भाजपा में] कुल चंदा इत्यादि मिला कर नगदी+बैंक जमा सब 254.14 करोड़ प्राप्त हुए. इस तरह कुल उपलब्ध धन 322.85 करोड़ होता है. इस समय अवधि में भाजपा की केंद्र व यूपी राज्य इकाई ने चुनाव में विभिन्न चुनावी मदों में कुल 159.60 करोड़ रूपये खर्च किये, नगद व बैंक से हुए खर्चे मिला कर. अब इस तरह पार्टी फण्ड में करीब उपलब्ध धन में से खर्च किये हुए पैसे को घटा कर 163.25 करोड़ शेष बचना चाहिए था. लेकिन उन्होंने अपने पार्टी फण्ड में सिर्फ 69.87 करोड़ कुल उपलब्ध राशि बैंक व नगद जोड़ कर बताई है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि शेष राशि 93 करोड़ 38 लाख रूपये कौन ले गया.”
नवनीत चतुर्वेदी बताते हैं कि इस तरह की आपराधिक कृत्य भाजपा की हर राज्य इकाई के पार्टी फण्ड में हुई है. इसकी जिम्मेवारी सीधे सीधे पीयूष गोयल, संगठन मंत्री राम लाल और चार्टर्ड अकाउंटेंट की बनती है. इन लोगों को सफाई देनी चाहिए. लेकिन अफ़सोस, अब तक भाजपा के किसी भी पदाधिकारी या प्रवक्ता का कोई बयान इन विषयों पर नहीं आया है. जाहिर है पार्टी के वित्तीय कोष व लेन-देन का हिसाब जिम्मेवारी सिर्फ पार्टी कोषाध्यक्ष और अध्यक्ष की है.
नवनीत का कहना है यह पार्टी फण्ड पब्लिक का पैसा है. कई लाख कार्यकर्ताओ ने चंदा दिया होगा. यह किसी पार्टी के आंतरिक मामलो में दखलंदाजी का मामला नहीं है. यह सम्पूर्ण राष्ट्र और देशहित का मसला है. जिस पार्टी का फण्ड ही वहां के नेता यदि गड़बड़ किये हुए हों, उनसे आखिर हम इस देश के सरकारी खजाने की सलामती की उम्मीद कैसे रख सकते हैं. क्या गारंटी है इस तरह का गड़बड़झाला सरकारी खजाने में न हुआ होगा. पार्टी को अपनी चुप्पी तोड़ कर सफाई देनी चाहिए क्यूंकि केंद्र से लगायत 20 राज्यों में उन्ही की सरकार है.