नई दिल्ली। कोरोना महामारी की वजह से वित्तीय चुनौती का सामना कर रही सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) में 10-15 फीसद तक हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। सूत्रों के मुताबिक चालू इसकी घोषणा आगामी बजट में हो सकती है। सरकार आइडीबीआइ बैंक, सेंट्रल बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक में भी अपनी हिस्सेदारी बेचने की घोषणा कर सकती है।
पिछले बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलआइसी का प्रारंभिक पब्लिक ऑफर (आइपीओ) लाकर सरकार की कुछ हिस्सेदारी बेचने की घोषणा की थी। लेकिन कानूनी अड़चनों और बाजार के प्रतिकूल होने की वजह से पूरे वित्त वर्ष में इस दिशा में कोई पहल नहीं हो सकी। यह भी तय नहीं हो सका कि सरकार एलआइसी में अपनी कितनी हिस्सेदारी बेचेगी। इस साल अप्रैल के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
एलआइसी (LIC) सरकार की पूर्ण स्वामित्व वाली बीमा कंपनी है। हालांकि पिछले साल मार्च-अप्रैल में आइपीओ के माध्यम से एलआइसी में सरकार की 10 फीसद हिस्सेदारी बेचने की चर्चा चली थी, जिससे 90,000 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान लगाया जा रहा था। सूत्रों के मुताबिक एलआइसी में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार को संसद की मंजूरी लेनी पड़ सकती है। गत वर्ष 31 मार्च को एलआइसी की संपदा 31,96,214 करोड़ रुपये की थी।
जानकारों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में सरकार एयर इंडिया और भारत पेट्रोलियम जैसी कंपनी की विनिवेश प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाई। ऐसे में वित्तीय दबाव को देखते हुए आगामी वित्त वर्ष में सरकार हर हाल में एलआइसी का आइपीओ लाना चाहेगी। चालू वित्त वर्ष में सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी बेचकर 2.1 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब तक लक्ष्य का लगभग सात फीसद ही हासिल किया जा सका है। वित्त मंत्रालय के अधिकारी भी यह कह चुके है कि बाजार की परिस्थिति अनुकूल होने पर ही सरकार किसी भी प्रकार का विनिवेश करेगी।