लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सियासत में एक बार फिर से दिलचस्प मोड़ आने शुरू हो गए हैं. जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले तमाम क्षेत्रीय पार्टी और राष्ट्रीय पार्टियों में लोगों की जॉइनिंग कराई जा रही है. वहीं दूसरी तरफ बहुजन समाज पार्टी में उठापटक मची हुई है. आज बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने पार्टी के कद्दावर और विधानमंडल में सदन के नेता लालजी वर्मा को पार्टी से बाहर निकाल कर एक बार फिर बगावत पर बहुत सख्त संदेश दिया है.. बसपा सुप्रीमो की तरफ से जारी की गई चिट्ठी में कहा गया है कि पंचायत चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते लालजी वर्मा और राम अचल राजभर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाता है. आने वाले समय में यह दोनों ही विधायक पार्टी की किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं रहेंगे. इन दो सदस्यों को पार्टी से निकाले जाने के बाद बसपा से निष्कासित विधायकों की संख्या 11 हो गई है.
इससे पहले भी असलम राइनी समेत 7 विधयकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है. पहले आपको बताते हैं कौन कौन बसपा से निष्कासित है1. असलम राइनी ( भिनगा-श्रावस्ती), 2. असलम अली चौधरी (ढोलाना-हापुड़), 3. मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद),4. हाकिम लाल बिंद (हांडिया-प्रयागराज), 5.हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर), 6.सुषमा पटेल (मुंगरा बादशाहपुर) 7.वंदना सिंह-( सगड़ी-आजमगढ़) 8. लालजी वर्मा (कटेहरी) 9.रामअचल राजभर (अकबरपुर) 10. रामवीर उपाध्याय (सादाबाद) और 11. अनिल सिंह (उन्नाव).
अखिर क्यों बसपा में उठ रही है बगावत?
इन सभी 11 विधायकों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते बाहर निकाला जा चुका है. बागी विधायक असलम राइनी के मुताबिक अब बहुजन समाज पार्टी में एक्टिव विधायकों की संख्या महज 4 रह गई है. अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिरकार बसपा में इतनी बगावत क्यों उठ रही है? असलम राइनी ने अपना एक वीडियो जारी करते हुए इस पूरी उठापटक के लिए बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को जिम्मेदार ठहराया है. असलम राइनी ने कहा है कि राज्यसभा चुनावों से लेकर अब तक तमाम तरह से सतीश चंद्र मिश्रा ने पार्टी को डैमेज किया है. असलम राइनी ने कहा कि राज्यसभा चुनावों में बीएसपी खेमे में सेंध लगाने के लिए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी खेमे बाजी की थी जिसके बाद बहुजन समाज पार्टी ने अपने 7 विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया था.उन्होंने कहा कि श्रावस्ती के विधायक असलम राइनी ने सभी सातों विधायकों के साथ सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. तब हलचल तेज़ थी कि सभी बागी विधायक समाजवादी पार्टी का दामन थाम सकते हैं. लेकिन दलबदल कानून के डर से इन विधायकों ने तुरंत कोई पार्टी जॉइन नहीं की थी. अब सवाल ये उठता है कि इन दो विधायकों की गिनती के साथ निलंबित 11 विधायकों का अगला ठिकाना क्या समाजवादी पार्टी हो सकती है या फिर कहीं और इन को मौका मिल सकता है. हालांकि असलम राइनी ने क्षेत्रीय नहीं बल्कि किसी राष्ट्रीय पार्टी में शामिल होने की बात कही है. असलम राइनी ने यह भी कहा है निष्कासित होने वाले सभी विधायक एक बार फिर से रणनीति बनाने में जुट गए हैं और जल्द ही मीटिंग करके आगे की रूपरेखा का खुलासा किया जाएगा.