ED के समन के बाद सोनिया गाँधी अस्पताल में भर्ती: कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता कर रहे ‘शक्ति प्रदर्शन’ की तैयारी

सोनिया गाँधी अस्पताल में भर्ती, ईडी समननई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड न्यूजपेपर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में सोनिया गाँधी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से समन मिलने के बाद खबर है कि कॉन्ग्रेस अध्यक्ष कोविड संबंधित समस्याओं के कारण गंगाराम अस्पताल में भर्ती हुई हैं। 2 जून को सोनिया गाँधी के कोविड पॉजिटिव होने की खबर आई थी जिसके बाद उन्होंने खुद को आइसोलेट कर लिया। अभी उनकी हालत स्थिर है। कॉन्ग्रेस नेताओं ने उनके जल्द ठीक होने की कामना करते हुए यह जानकारी दी है।

कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने बताया, “कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी गंगा राम अस्पताल में कोविड कारणों से भर्ती हुई हैं। वह स्थिर है और अस्पताल की निगरानी में हैं। हम कॉन्ग्रेस से जुड़े हर शुभचिंतक को धन्यवाद देते हैं।”

बता दें कि ईडी द्वारा 23 जून को पूछताछ के लिए पेश होने का समन कॉन्ग्रेस अध्यक्ष को मिलने के बाद एक ओर जहाँ वह कोविड कारणों से अस्पताल में भर्ती हुई हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी पार्टी के कार्यकर्ता 13 जून को केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने की तैयारी में लगे हैं।

दरअसल मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की ओर से कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी को 2 जून को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। मगर, राहुल ने देश से बाहर होने के कारण कोई और डेट माँगी। इसके बाद ईडी ने 13 जून की तारीख उन्हें दी। अब कल उन्हें ईडी के समक्ष पूछताछ के लिए जाना है और इसी वजह से कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता केंद्र के सामने शक्ति प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं। कॉन्ग्रेस ने अपने सांसदो से कहा है कि वो 13 जून की सुबह दिल्ली में मौजूगद रहें।

नेशनल हेराल्ड केस

यह मामला कॉन्ग्रेस पार्टी के नेतृत्व में ‘यंग इंडियन’ में वित्तीय अनियमितता की जाँच के सिलसिले में दर्ज किया गया था। समाचार पत्र ‘नेशनल हेराल्ड’, यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड का है। ‘नेशनल हेराल्ड’ एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) द्वारा प्रकाशित किया जाता है और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व में है। भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी और अन्य पर धोखाधड़ी की साजिश रचने और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के फंड का गबन करने का आरोप लगाया था। स्वामी ने यह भी आरोप लगाया था कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपए की वसूली के अधिकार हासिल करने के लिए सिर्फ 50 लाख रुपए का भुगतान किया था, जो एजेएल पर कॉन्ग्रेस का बकाया था।

उल्लेखनीय है कि ईडी के अनुसार, गाँधी परिवार द्वारा नियंत्रित एनजीओ, जिसकी शुरुआत 2010 में केवल 5 लाख रुपए से हुई थी, अब उसकी संपत्ति 800 करोड़ रुपए से अधिक है।

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