मुखबिरी या कोई और डर? आजम और उनके बेटे ने क्यों वापस की पुलिस सुरक्षा

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान ने अपने सुरक्षाकर्मियों को यह कहकर लौटा दिया कि उन्हें अब सुरक्षा की जरूरत नहीं. वहीं आजम खान के विधायक बेटे अब्दुल्लाह आजम बिना अपने सुरक्षाकर्मियों को बताएं कहीं भूमिगत हो गए. ऐसे में आजम खान और अब्दुल्ला आजम के सुरक्षाकर्मी वापस पुलिस लाइन लौट आये हैं.

रामपुर पुलिस ने भी इस बात की तस्दीक कर दी है कि दोनों की सुरक्षा में तैनात सभी पुलिसकर्मी फिलहाल वापस आ गए हैं, क्योंकि दोनों के पास तैनात सुरक्षाकर्मियों को न तो अब्दुल्लाह आजम और नहीं आजम खान के लोकेशन के बारे में कोई जानकारी है. रामपुर पुलिस का कहना है कि जब दोबारा यह दोनों सुरक्षा मांगेंगे तो उन्हें मुहैया कराई जाएगी.

अब सवाल उठता है कि दोनों पिता-पुत्र ने आखिर अपनी सुरक्षा क्यों वापस की? क्या उन्हें किसी मुखबिरी का शक है?  सुरक्षा वापसी के वक्त आजम खान या अब्दुल्लाह आजम ने किसी से बात नहीं की, लेकिन अब्दुल्लाह आजम लगातार यह आरोप लगाते रहे हैं कि रामपुर प्रशासन और मुरादाबाद के कमिश्नर लगातार उनकी मुखबिरी इन सुरक्षाकर्मियों से कराते हैं.

हाल के दिनों में जौहर यूनिवर्सिटी में जिस तरीके से चोरी के फर्नीचर, किताबें और सरकारी मशीनें बरामद की गई हैं. उसके बाद से दोनों पिता-पुत्र आजम खान और अब्दुल्ला आजम की मुसीबत काफी ज्यादा बढ़ गई है और ऐसे में आजम खान के करीबियों को लगता है कि प्रशासन अपने सुरक्षाकर्मियों के जरिए उनकी मुखबिरी करा रहा है.

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