कौन हैं केएन त्रिपाठी? अचानक कांग्रेस चीफ की रेस में आकर सबको चौंकाया

नई दिल्ली। वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए होने जा रहे चुनाव के बीच अचानक एक ऐसे नात ने एंट्री मार दी है, जिनकी पहचान अभी एक राज्य तक सीमित थी। झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री और मेदिनीनगर निवासी केएन त्रिपाठी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने शुक्रवार को दिल्ली में अपना नामांकन दाखिला किया। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष पद के चुनाव लड़ने के संबंध में पार्टी हाईकमान का जो आदेश होगा, उसका पालन करेंगे। नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने कहा, ”मैंने आज पार्टी अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया है। पार्टी नेताओं का जो भी निर्णय होगा उसका सम्मान करेंगे।”

राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए वह कितने गंभीर हैं और क्या पार्टी आलाकमान से इस संबंध में कोई बातचीत हुई है, यह पूछे जाने पर त्रिपाठी ने ‘हिन्दुस्तान’ से कहा कि कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र है। आंतरिक लोकतंत्र का यह तकाजा है कि एक किसान का बेटा अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकता है। भाजपा में ऐसा संभव नहीं है।

सियासत में आने से पहले कृष्णानंद त्रिपाठी एयरफोर्स में थे। सेना की नौकरी छोड़कर वह सियासत में आए और साल 2005 में कांग्रेस के टिकट पर पहली बार डालटनगंज सीट पर चुनाव लड़े। लेकिन इंदर सिंह नामधारी के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2009 में फिर डालटनगंज सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे और चुनाव जीते। विधायक बनने के बाद उन्हें राज्य सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री बनने का मौका मिला। डालटनगंज के रेड़मा काशी नगर मोहल्ले के रहने वाले केएन त्रिपाठी किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं।

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