चीन में कोरोना का कोहराम, भारत में लॉकडाउन की जरूरत? एम्स के पूर्व प्रमुख गुलेरिया ने दिया जवाब

चीन में कोरोना का कोहराम, भारत में लॉकडाउन की जरूरत? एम्स के पूर्व प्रमुख गुलेरिया ने दिया जवाब नई दिल्ली। चीन में कोरोना वायरस ने कोहराम मचाया हुआ है। इसकी वजह से भारत सरकार भी अलर्ट हो गई है और पिछले कुछ दिनों में कई अहम फैसले लिए हैं। हालांकि, अभी देश में कोरोना के ज्यादा मामले सामने नहीं आ रहे हैं। ऐसे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में कोविड-19 के मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने या लॉकडाउन लागू करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन कुछ देशों में मामले बढ़ने के मद्देनजर निगरानी और सतर्कता मजबूत करना अनिवार्य है। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 के गंभीर मामले आने और मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की आशंका नहीं है, क्योंकि भारत में लोगों में ‘हाइब्रिड प्रतिरक्षा’ विकसित हो चुकी है।

उन्होंने कहा, ”आंकड़े दिखाते हैं कि चीन में संक्रमण के तेजी से फैलने के लिए जिम्मेदार ओमीक्रोन का बीएफ.7 उपस्वरूप हमारे देश में पहले ही पाया जा चुका है।” यह पूछने पर कि क्या आगामी दिनों में लॉकडाउन की आवश्यकता है, डॉ. गुलेरिया ने कहा, ”कोविड के गंभीर मामले बढ़ने और मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना नहीं है, क्योंकि टीकाकरण की अच्छी दर और प्राकृतिक रूप से संक्रमण होने के कारण भारतीयों में हाइब्रिड प्रतिरक्षा (हाइब्रिड इम्युनिटी) पहले ही विकसित हो चुकी है।” उन्होंने कहा, ”मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए और लोगों के बीच हाइब्रिड प्रतिरक्षा की अच्छी-खासी दर होने के कारण लॉकडाउन की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है।”

सफदरजंग हॉस्पिटल में फेफड़े और गहन देखभाल विभाग के प्रोफेसर डॉ. नीरज गुप्ता ने कहा कि भारत को चीन तथा कुछ अन्य देशों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि को देखते हुए अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है, लेकिन ”भारत के मौजूद परिदृश्य को देखते हुए निकट भविष्य में लॉकडाउन जैसी स्थिति की परिकल्पना नहीं की गई है।” उन्होंने कहा कि ‘हाइब्रिड प्रतिरक्षा’ किसी व्यक्ति को भविष्य में होने वाले संक्रमण के खिलाफ अधिक सुरक्षित बनाती है। डॉ. गुप्ता ने यह भी कहा कि चीन अभी अधिक कमजोर स्थिति में है, जिसकी वजह कम प्राकृतिक प्रतिरक्षा, खराब टीकाकरण रणनीति हो सकती है, जिसमें बूढ़े और कमजोर आबादी के मुकाबले युवा और स्वस्थ लोगों को तरजीह दी गई। साथ ही चीनी टीकों को संक्रमण से बचाव में कम प्रभावी भी पाया गया है।

टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के अध्यक्ष डॉ. एन के अरोड़ा ने कहा कि भारत में कोविड की मौजूदा स्थिति नियंत्रण में है और घबराने की कोई बात नहीं है। बहरहाल, उन्होंने कहा कि लोगों को कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाना चाहिए और टीके की एहतियाती खुराक लेनी चाहिए। जापान, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, फ्रांस और चीन में मामले बढ़ने के बीच भारत ने निगरानी और कोविड संक्रमित नमूनों के जीनोम अनुक्रमण की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। भारत की 97 प्रतिशत पात्र आबादी ने कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक, जबकि 90 प्रतिशत ने दूसरी खुराक ले ली है। केवल 27 प्रतिशत आबादी ने एहतियाती खुराक हासिल की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *