टीम इंडिया की टी20 टीम में दो विकेटकीपरों दिनेश कार्तिक और ऋषभ पंत के बीच रोचक रेस जारी है. महेंद्र सिंह धोनी को ‘रेस्ट’ दिए जाने के बाद से यह रेस और तेज हो गई है. दिनेश कार्तिक और ऋषभ पंत ने धोनी को रेस्ट किए जाने के बाद छह-छह टी20 मैच खेले हैं. पंत ने इन मैचों में कुल 20.80 की औसत से 84 रन बनाए. कार्तिक ने इसी दौरान चार पारियों में 83.00 की औसत से 83 रन बनाए. वे चार पारियों में सिर्फ एक बार आउट हुए. टी20 क्रिकेट में कार्तिक के नाम 2018 में सबसे अधिक बार नाबाद रहने का रिकॉर्ड भी है. उन्होंने इस साल 14 मैच की 11 पारियों में बैटिंग की है, जिसमें से आठ बार वे नाबाद रहे. मनीष पांडे 11 पारियों में सात बार नाबाद रहकर दूसरे नंबर पर हैं. पंत ने इस साल सात पारियां खेली हैं और हर बार आउट हुए हैं.
टेस्ट टीम में पंत की जगह पक्की
दिनेश कार्तिक और ऋषभ पंत दोनों ही ऐसे विकेटकीपर हैं, जो अच्छी बल्लेबाजी कर सकते हैं. इन दोनों के बीच टीम में जगह बनाने की रेस की शुरुआत इंग्लैंड दौरे पर हुई, जहां बाजी पंत के हाथ लगी. दिनेश कार्तिक इंग्लैंड में पहले दो टेस्ट में फ्लॉप रहे. इसके बाद टीम में पंत को शामिल किया गया. ऋषभ पंत ने पांचवें टेस्ट में शतक बनाकर टीम में अपना दावा मजबूत किया. फिर वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज में 92-92 रन की दो पारियां खेलकर अपनी जगह पुख्ता कर ली.
टी20 टीम में खेल अभी बाकी है
धोनी को जब टी20 टीम से रेस्ट दिया गया तो चयनकर्ताओं ने कहा कि उनके 2020 में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप में खेलने की संभावना कम है, इसलिए उन्हें टीम में शामिल नहीं किया गया. लेकिन टीम में दो विकेटकीपर कार्तिक और पंत शामिल किए गए. इन दोनों ने ही भारत के लिए पिछले सभी छह टी20 मैच खेले हैं. हालांकि, टीम प्रबंधन इस बात को लेकर भ्रमित दिख रहा है कि पंत और कार्तिक में से टीम का विकेटकीपर बल्लेबाज कौन है और स्पेशलिस्ट बल्लेबाज कौन है. ऐसे में कार्तिक-पंत की रेस आगे भी जारी रह सकती है.
विंडीज के खिलाफ कार्तिक ने की विकेटकीपिंग
वेस्टइंइंडीज के खिलाफ जब भारत ने तीन मैचों की टी20 सीरीज खेली तो विकेटकीपिंग का जिम्मा दिनेश कार्तिक ने संभाला. तब पंत स्पेशलिस्ट बल्लेबाज की तरह खेले. ऑस्ट्रेलिया में विकेटकीपिंग का जिम्मा पंत को सौंपा गया. कार्तिक स्पेशलिस्ट बल्लेबाज रहे. इन दोनों सीरीज में एक बात कॉमन रही कि पंत हर बार कार्तिक से पहले बैटिंग करने आए. माना जा रहा है कि कार्तिक को एमएस धोनी की तरह छठे नंबर पर फिनिशर की भूमिका में देखा जा रहा है. वे काफी हद तक इस भूमिका में कामयाब भी हो रहे हैं.
दो सीरीज में यूं खेले ऋषभ पंत और कार्तिक
ऋषभ पंत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों में एक अर्धशतक जमाया. दो मैचों में एक और पांच रन बनाकर आउट हो गए. कार्तिक को उस सीरीज में एक बार मौका मिला और वे 31 रन बनाकर नाबाद लौटे. ऑस्ट्रेलिया की बात करें तो पंत ने यहां दो बार बैटिंग की. एक बार 20 रन बनाए और दूसरी बार खाता नहीं खोल सके. दिनेश कार्तिक को भी यहां दो बार बैटिंग का मौका मिला. उन्होंने एक बार 30 रन बनाए और दूसरी बार 22 रन बनाकर नाबाद रहे.
…लेकिन कार्तिक के लिए आसान नहीं है जगह बनाए रखना
वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया से सीरीज में दिनेश कार्तिक भले ही ऋषभ पंत से आगे निकलते दिख रहे हों, लेकिन उनके लिए टीम में जगह बनाए रखना आसान नहीं होगा. इसकी तीन वजह हैं.
1. ऋषभ पंत टेस्ट टीम में हैं और अगर वे टेस्ट में अच्छा खेलते हैं, तो उन्हें वनडे और टी20 टीम में भी ज्यादा मौका मिलेगा. जबकि, कार्तिक टेस्ट टीम से अपना स्थान गंवा चुके हैं. यानी, उनके पास सिर्फ वनडे और टी20 टीम में मौका है.
2. ऐसा लग रहा है कि पंत पर कप्तान विराट कोहली ज्यादा भरोसा करते हैं. शायद इसीलिए उन्हें विकेटकीपिंग का भी जिम्मा सौंपा गया है. जब रोहित शर्मा टीम के कप्तान थे, तब कार्तिक ने विकेटकीपिंग की थी.
3. दिनेश कार्तिक छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हैं. वनडे और टी20 मैचों में यह ऐसा क्रम है, जिस पर सबसे ज्यादा तलवार लटकती है. इस नंबर पर धोनी, युवराज, माइकल बेवन जैसे चुनिंदा क्रिकेट ही कामयाब हुए हैं.