रामनवमी के त्योहार की खुशी के बीच इंदौर में मातम पसर गया है। यहां के पटेल नगर स्थित मंदिर में हुए दर्दनाक हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई है, जबकि एक दर्जन से अधिक लोग जख्मी हुए हैं। मंदिर के बावड़ी (कुएं) की छत धसने से यह हादसा हुआ। जिस वक्त यह हादसा हुआ मंदिर में बहुत भीड़ थी। बहुत से लोग कुएं की छत पर जुटे हुए थे और तभी यह टूट गया।
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में हुए हादसे में अभी तक 19 लोगों को बचाया गया है। मंदिर से अभी तक 11 शव निकाले गए हैं, जिसमें 10 महिलाएं और 1 पुरुष हैं। बचाए गए 19 लोगों में कुछ की हालत गंभीर है। घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि बेलेश्वर झूलेलाल मंदिर में एक बावड़ी जैसी जगह थी जिस पर छत डालकर मंदिर बना दिया गया था। यह छत धंस गई। 25-30 लोगों के अंदर गिरने की जानकारी आई थी। एक बच्ची लापता है। पानी को खाली कराया जा रहा है। गोताखोर भी उतरे हुए हैं।
पटेल नगर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में यह हादसा हुआ। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि धार्मिक कार्यक्रम के दौरान मंदिर में पुरातन बावड़ी की छत पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ इकट्ठा हो गई थी। बावड़ी की छत धंसने की खबर आने के बाद मंदिर के आस-पास उन चिंतित लोगों की भीड़ जुट गई, जिनके परिजन हादसे के वक्त मंदिर में मौजूद थे। पटेल नगर रहवासी संघ के अध्यक्ष कांतिभाई पटेल ने इस बात पर नाराजगी जताई कि हादसे की सूचना दिए जाने के बाद भी मौके पर एक घंटे तक एंबुलेंस नहीं पहुंची थी।
बावड़ी पर छत डाल कैसे बना दिया गया मंदिर? हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने बताया कि असल में मंदिर को गलत तरीके से बनाया गया था। एक पुरानी बावड़ी के ऊपर छत डालकर मंदिर का स्वरूप दे दिया गया था। करीब एक दशक पहले यह छत डालकर मंदिर बनाया गया था, जो अधिक लोगों का भार नहीं सह पाया।
मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख की सहायता
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उन्होंने घटना की जांच के निर्देश दिए हैं। मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए राहत राशि दी जाएगी और घायलों को 50 हजार रुपए दिए जाएंगे: मुख्यमंत्री ने हादसे पर दुख जाहिर किया तो पीएम मोदी ने भी शिवराज सिंह चौहान से बात की है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।