हरियाणा के मेवात में बड़े पैमाने पर महिलाओं के साथ भी दुर्व्यवहार की खबरें आ रही हैं। नल्हड़ मंदिर के पास लड़कियों और महिलाओं के कपड़े बिखरे पड़े मिले हैं, जिसके वीडियो भी सामने आए हैं। बता दें कि नूँह में इस्लामी कट्टरपंथियों की हिंसा के कारण बड़ी संख्या में हिन्दू श्रद्धालु शिव मंदिर में घिर गए थे। उन पर पत्थरबाजी और गोलीबारी हुई। हिन्दुओं की मौतें हुईं। मेवात, जहाँ से ‘तबलीग़ी जमात’ की शुरुआत हुई, इस्लामी कट्टरपंथियों का गढ़ बन गया है।
स्थानीय लोगों ने बताया – महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार हुआ
‘लीडिंग भारत टीवी’ की ग्राउंड रिपोर्ट में बताया गया है कि वहाँ पर छोटे-छोटे बच्चों के कपड़े फ़टे पड़े मिले हुए हैं। स्थानीय लोगों ने पूछा कि आखिर महिलाओं के कपड़े जबरदस्ती नहीं फाड़े गए, फिर ये फ़टे हुए कपड़े कैसे पड़े हुए हैं? कई महिलाओं के गायब होने की बात भी कही जा रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि महिलाओं को खेतों की तरफ घसीटा गया और उनके साथ बदसलूकी हुई।
पवन घालरा नामक एक स्थानीय व्यक्ति ने अंदेशा जताया कि महिलाओं के साथ गलत किया गया है, उनके कपड़े फाड़े गए हैं और कई महिलाएँ मिसिंग हैं। उनकी तलाश की जा रही है। मंदिर से थोड़ी ही दूर पर सड़क के किनारे ये कपड़े पड़े हुए मिले हैं। इनमें लड़कियों के सूट के कपड़े भी हैं। वहीं कुछ कपड़े पेड़ पर लटके मिले। बच्चों के गायब होने की बात भी कही जा रही है। जगदीश शर्मा नामक एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि ‘बजरंग दल’ की यात्रा में भी कई महिलाएँ आई थीं।
जगदीश नामक व्यक्ति ने कहा कि महिलाएँ अपने कपड़े उतार कर कहाँ जाएँगी, ज़रूर उनके साथ दुर्व्यवहार हुआ होगा। बच्चों के कपड़े भी पड़े हुए हैं। ये एक दिन की यात्रा थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि ये महिलाओं के वही कपड़े हैं, जो वो पहन कर आई थीं। घटना के दिन मंदिर में मौजूद रहे एक व्यक्ति ने बताया कि दोपहर के 1 बजे तक सब शांतिपूर्ण था, लेकिन खेला मोड़ पर हल्का-फुल्का पथराव हुआ, आगे झगड़ा शुरू हुआ और मंदिर पर हमला हुआ।
उस समय महिलाओं-बच्चों को मंदिर में बचाने के लिए डाला गया, पुलिस भी वहाँ मौजूद थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि मंदिर पर गोलीबारी की जा रही थी। स्थानीय लोगों ने कहा कि महिलाओं के साथ बहुत गलत हुआ। कई परिवार अपने महिलाओं-बच्चों को खोज रहे हैं। इन कपड़ों को लेकर स्थानीय लोग तरह-तरह की शंकाएँ जता रहे हैं, क्योंकि ये वही रंगीन कपड़े हैं जिन्हें पहन कर महिलाएँ मंदिरों में जाती रही हैं, पर्व-त्योहारों में पहनती रही हैं। इलाके में अब भी कालिख पड़ी हुई है। गाड़ियों में आग लगाई गई थी।
दंगाइयों के पास थे अत्याधुनिक हथियार: स्थानीय लोगों ने उठाए सवाल
वहीं ‘हिंदुस्तान 9 UP’ नामक चैनल की ग्राउंड रिपोर्ट में स्थानीय लोगों ने स्पष्ट कहा कि मुस्लिमों ने दंगे किए। एक स्थानीय व्यक्ति ने पूछा कि दंगाइयों में शामिल लोग अपनी पिछली पीढ़ियों के नाम लें, ज़रूर उनके पूर्वज हिन्दू रहे होंगे। एक बुजुर्ग ने बताया कि महिलाओं से सरासर बदतमीजी की गई है, कितनी ही महिलाओं को खींच कर ले जाया गया है। उक्त बुजुर्ग व्यक्ति ने बताया कि महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ है, उनकी साड़ियाँ खींची।
स्थानीय लोगों ने ड्रोन से घरों में सर्वे करने की माँग करते हुए कहा कि पत्थर जमा करने वालों की पोल खोली जानी चाहिए। एक स्थानीय व्यक्ति ने ‘योगी फॉर्मूला’ लागू करने की माँग करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में 23 करोड़ की जनसंख्या को वो संभाल रहे हैं, यहाँ योगी आदित्यनाथ होते तो घटना नहीं होती या दंगाइयों की खाल खींच ली जाती। लोगों ने पूछा कि दंगाइयों के पास अत्याधुनिक हथियार कहाँ से आए? अस्पतालों में घायलों को ले जाए जा रहे एम्बुलेंस में आग लगाने की बात भी कही गई।
स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रशासन ने VHP को यात्रा की अनुमति दी हुई थी, ऐसे में मुस्लिम समाज को प्रशासन के पास जाना चाहिए था यात्रा रुकवाने के लिए। उनका कहना है कि पुलिसकर्मियों को भी पीटा गया, ये सरकार और प्रशासन की विफलता है। ‘लड़कियों को खींच कर खेतों में मुस्लिम ले गए’ – एक बुजुर्ग ने ये भी बताया। उन्होंने कहा कि अभी जो माहौल है, उससे ज़्यादा क्या खराब होगा। स्थानीय लोग पुलिस-प्रशासन से खासे आक्रोशित हैं।