केंद्र सरकार के ‘हिट एंड रन’ को लेकर नए कानून के विरोध में मध्य प्रदेश के शाजापुर में ड्राइवर एसोसिएशन ने उग्र आंदोलन किया. प्रदर्शन करते हुए हाइवे पर चक्काजाम कर दिया. इसी मामले में मंगलवार को कलेक्टर किशोर कन्याल ने ड्राइवरों के साथ बैठक आयोजित की. बैठक के दौरान कलेक्टर ने कहा कि कोई कानून को अपने हाथ में नहीं लेगा.
कलेक्टर की समझाइश के बीच एक ड्राइवर बोल पड़ा, अच्छे से बोलो. इतने में कलेक्टर भड़क उठे और कहा, गलत क्या है इसमें? समझ क्या रहा है, क्या करोगे तुम, तुम्हारी औकात क्या है?
ड्राइवर ने कहा, यही तो लड़ाई है कि हमारी कोई औकात नहीं. कलेक्टर ने कहा, लड़ाई ऐसे नहीं होती है. कृपया करके कोई भी कानून अपने हाथ में न ले. आपकी सारी बातों को सुनने के लिए यहां बुलाया है.
इस मामले में कलेक्टर किशोर कन्याल ने बताया, ”वाहन चालकों को बैठक कर समझाइश दी जा रही थी. इसी बीच एक चालक ने गलत तरीके से बात की. जिसको लेकर मुझे उन्हें समझाना पड़ा.”
क्या है पूरा मामला
मध्य प्रदेश के तमाम हिस्सों में यात्री बसों के चालकों ने ‘हिट-एंड-रन’ मामलों से संबंधित नए कानून को वापस लेने की मांग को लेकर काम बंद कर दिया है. जगह जगह प्रदर्शन कर रहे हैं. इस वजह से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा.
सोमवार और मंगलवार को हुए विरोध प्रदर्शन में ट्रक, टैंकर और बस चालक भी शामिल थे. जिससे सामान की ढुलाई और यात्रियों का आवागमन प्रभावित हुआ. ट्रक चालकों की हड़ताल के कारण पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति प्रभावित होने के भय से शहरों में पेट्रोल पंप के सामने लोगों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं.
10 साल तक की सजा या 7 लाख का जुर्माना
ट्रक चालक मोटर चालकों से जुड़े ‘हिट-एंड-रन’ दुर्घटना मामलों के संबंध में नए दंड कानून के प्रावधान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. दरअसल, भारतीय दंड संहिता (IPS) की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता (BNS) में प्रावधान है कि लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनने वाले और पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बिना भागने वाले वाहन चालकों को 10 साल तक की सजा या 7 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है.
प्रर्दशनकारी वाहन चालकों का कहना है कि नए कानून के अनुसार ‘हिट-एंड-रन’ मामलों में 10 साल की जेल की सजा और सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है, जो बहुत कठोर है. जब तक यह कानून वापस नहीं लिया जाएगा तब तक विरोध जारी रहेगा.