बहन, भतीजी, भांजी, बुआ, मौसी… नहीं बना सकेंगे बीवी, उत्तराखंड में UCC लागू होते ही इन रिश्तों के बीच ‘निकाह’ नहीं होगा मुमकिन

उत्तराखंड में लगेगी सगे रिश्तों में निकाह पर रोकउत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज (6 फरवरी 2024) समान नागरिक संहिता (UCC) बिल पेश किया। इस बिल पर उत्तराखंड विधानसभा में चर्चा चल रही है। समान नागरिक संहिता के अंतर्गत सभी धर्मों के नागरिकों पर समान कानून लागू होगा। इसमें विवाह से जुड़े प्रावधानाओं को लेकर भी स्पष्ट जानकारी दी गई है।

UCC के अंतर्गत किन रिश्तों में विवाह को कानूनी रूप से निषिद्ध किया गया है, इसे आप नीचे दी गई सूची से समझ सकते हैं। ये सूची बताती है कि UCC लागू होने के बाद पुरुष किन महिलाओं और महिलाएँ किन पुरुषों से विवाह नहीं कर सकेंगी।

कोई भी पुरुष इन महिलाओं से विवाह नहीं कर सकेगाकोई भी महिला इन पुरुषों से विवाह नहीं कर सकेगी
बहनभाई
भांजीभांजा
भतीजीभतीजा
मौसीचाचा/ताऊ
बुआचचेरा भाई
चचेरी बहनफुफेरा भाई
फुफेरी बहनमौसेरा भाई
मौसेरी बहनममेरा भाई
ममेरी बहननातिन का दामाद
माँपिता
सौतेली माँसौतेला पिता
नानीदादा
सौतेली नानीसौतेला दादा
परनानीपरदादा
सौतेली परनानीसौतेला परदादा
माता की दादीपरनाना (पिता का नाना)
माता की दादीसौतेला परनाना
दादीनाना
सौतेली दादीसौतेला नाना
पिता की नानीपरनाना
पिता की सौतेली नानीसौतेला परनाना (माता का सौतेला परनाना)
पिता की परनानीमाता के दादा
पिता की सौतेली परनानीमाता का सौतेला दादा
परदादीबेटा
सौतेली परदादीदामाद
बेटीपोता
बहू (विधवा)बेटे का दामाद
नातिननाती
पोतीबेटी का दामाद
पोते की विधवा बहूपरपोता
परनातिनपोते का दामाद
परनाती की विधवाबेटे का नाती
बेटी के पोते की विधवापोती का दामाद
बेटे की नातिनबेटी का पोता
परपोतीनाती का दामाद
परपोते की विधवानातिन का बेटा
नाती की विधवामाता का नाना

इन सभी रिश्तों में किए गए विवाह को UCC के अंतर्गत वैध रिश्ते नहीं माना जाएगा। गौरतलब है कि हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत यह बंदिशें पहले से देश की बहुसंख्यक आबादी पर लागू थीं। अब यह उत्तराखंड के भीतर पूरी जनता पर लागू होंगी।

उत्तराखंड पहला ऐसा भारतीय राज्य होगा जहाँ UCC लागू किया जाएगा। अभी तक देश में केवल गोवा में ही UCC लागू था जो कि पुर्तगालियों के दौर से चला आ रहा है। उत्तराखंड के इस UCC कानून का ड्राफ्ट एक 5 सदस्यीय पैनल द्वारा बनाया गया था और इसे 2 फरवरी को उत्तराखंड सरकार को सौंपा गया था। इसके बाद 4 फरवरी, 2024 को इसको कैबिनेट की मंजूरी भी मिल गई थी।