पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और उनकी बेटी पूर्व सांसद संघमित्रा मौर्य को अदालत ने भगोड़ा घोषित करते हुए दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर दिया है। तीन अन्य पर भी एक्शन हुआ है।
पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और उनकी बेटी पूर्व सांसद संघमित्रा मौर्य के खिलाफ को अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। दोनों के साथ ही तीन अन्य लोगों को भी इसी तरह भगोड़ा घोषित किया गया है। मामला संघमित्रा मौर्य की शादी से जुड़ा है। बिना तलाक लिए दूसरी शादी के मामले में अदालत की तरफ से कई वारंट जारी होने पर भी पेश नहीं होने पर एमपीएमएलए कोर्ट के स्पेशल एसीजेएम आलोक वर्मा ने यह सख्त कदम उठाया है। अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 27 अगस्त तय की है।
सभी आरोपियों पर मारपीट,गालीगलौज, जानमाल की धमकी व साज़िश रचने का भी आरोप है। अदालत में हाजिर न होने पर विशेष अदालत ने स्वामी प्रसाद मौर्य, नीरज तिवारी, सूर्यप्रकाश शुक्ला उर्फ़ चिंटू तथा रितिक सिंह के विरुद्ध धारा 82 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत कार्रवाई करने का आदेश देते हुए उन्हें फरार घोषित करने का भी आदेश दिया है।
शपथ पत्र में खुद को अविवाहित बताया था संघमित्रा ने
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी कोर्ट में हाज़िर होने से बच रहे हैं लिहाज़ा उनके ख़िलाफ़ धारा 82 की कार्यवाही की जाती है। परिवाद में आरोप है कि परिवादी दीपक कुमार और संघमित्रा वर्ष 2016 से साथ रह रहे थे। कहा गया कि संघमित्रा और उसके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य ने परिवादी को बताया कि संघमित्रा की पूर्व शादी से तलाक़ हो गया है। इस पर परिवादी ने तीन जनवरी 2019 को संघमित्रा से उसके घर पर शादी कर ली।
वही संघमित्रा ने 2019 के चुनाव में शपथपत्र देकर ख़ुद को अविवाहित बताया, जबकि बाद में वादी को पता चला कि संघमित्रा का मई 2021 में तलाक़ हुआ था। आगे कहा गया कि जब वादी ने वर्ष 2021 में विधि विधान से विवाह करने के लिए कहा तो आरोपी स्वामी प्रसाद मौर्या ने वादी के ऊपर कई बार विभिन्न स्थानों पर अन्य आरोपितों से जानलेवा हमला कराया। इस मामले में मुकदमा भी दर्ज कराया गया था।