योगी के नेतृत्व, नीति व नीयत पर जनता की मुहर

मुख्यमंत्री ने समान रूप से 75 जनपदों में कराया विकास कार्य, भेदभाव रहित योजनाओं का भी दिलाया लाभ

पारदर्शिता-निष्पक्षता से साढ़े सात साल में सात लाख युवाओं को दी गई सरकारी नौकरी

3.75 लाख से अधिक युवाओं को दी गई संविदा पर नौकरी, दो करोड़ से निजी क्षेत्र व एमएसएमई में दिया गया रोजगार

सीएम ने छात्र-छात्राओं को स्मार्टफोन व टैबलेट वितरित किया, करोड़ों रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास कर भी विकास की गंगा बहाई

हर मंडल मुख्यालय पर विश्वविद्यालय, एक जनपद-एक मेडिकल कॉलेज, माफिया का खात्मा और 40 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव लाकर योगी ने बनाई यूपी की अलग छवि

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में साढ़े सात वर्ष में चले अनवरत विकास पर एक बार फिर जनता ने मुहर लगाई। मिशन-9 में से योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन ने सात सीटों पर जीत दर्ज की। इसका सबसे बड़ा कारण ‘सबका साथ, सबका विकास’ रहा। सीएम योगी ने सभी जनपदों का समान रूप से विकास कराया तो सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में भी हीलाहवाली नहीं चलने दी, खुद मॉनीटरिंग की और पात्रता के आधार पर सबको लाभ दिलाया। युवाओं की बात करें तो साढ़े सात साल में सात लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई। 3.75 लाख से अधिक युवाओं को दी गई संविदा पर नौकरी, दो करोड़ से निजी क्षेत्र व एमएसएमई में रोजगार दिया गया। किसान, महिला, नौजवान सभी क्षेत्र में सीएम योगी के किए गए कार्य की चहुंओर प्रशंसा हो रही है। वहीं उनकी नीति ने उपचुनाव में विकास की ‘नई गंगा’ बहाई। आमजन ने सीएम योगी के नेतृत्व, नीति व नीयत पर अपनी मुहर लगाई।

योगी के नेतृत्व में हुए अहम कार्य
1- रोजगारः योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी के युवाओं को रोजगार से जोड़ा गया। साढ़े सात साल में योगी आदित्यनाथ की सख्त प्रशासनिक छवि के कारण युवाओं को पारदर्शिता व निष्पक्षता से सरकारी नौकरी से जोड़ा गया। साढ़े सात साल में सात लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई तो वहीं 3.75 लाख से अधिक युवाओं को संविदा पर नौकरी दी गई। दो करोड़ से अधिक अवसर निजी क्षेत्र व एमएसएमई में रोजगार के लिए उपलब्ध कराए गए। इसके अलावा इस क्षेत्र में अन्य कई बड़े कार्य भी कराए गए।

2- यूपी में निवेश- योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया। इसमें 40 लाख करोड़ से अधिक का निवेश प्रस्ताव यूपी को प्राप्त हुए। 10.11 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव जमीनी धरातल पर उतरे। इससे सिर्फ बड़े शहरों का ही नहीं, बल्कि सभी 75 जनपदों में समान रूप से विकास की गंगा बही। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सिर्फ गाजियाबाद ही नहीं, बल्कि गाजीपुर का भी विकास किया गया। लखनऊ ही नहीं, लखीमपुर खीरी का भी विकास कराया। बड़े जनपदों के साथ छोटे जनपदों में भी काफी विकास कार्य कराए गए।

3- सख्त कानून व्यवस्थाः योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले यूपी की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया। निवेशक यूपी आएं और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर मुहैया हों। माफिया मुक्त उत्तर प्रदेश के लिए सबसे पहले अपराधियों पर शिकंजा कसा गया। अब तक 211 अपराधियों के एनकाउंटर किए गए। इससे भी यूपी में विकास की नई गंगा बही और यूपी की धारणा बदली। इसके अलावा पुलिसिंग से जुड़े अन्य कई बड़े कार्य भी कराए गए। जो आमजन के हित में रहे।

4- सीएम ने 75 जनपदों का कराया समान विकास
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी जनपदों का समान विकास कराया। सीएम योगी की नीतियों के कारण ही कटेहरी व कुंदरकी में भी कमल खिला। बीते अगस्त मास में ही अंबेडकरनगर में युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किया। 211 करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया और 5100 छात्र-छात्राओं को स्मार्टफोन-टैबलेट वितरित किया। लोहिया की धरती पर भी सीएम योगी ने विकास के अनेक कार्य कराए, जिसकी बदौलत वहां के लोगों ने कटेहरी में तीन दशक बाद कमल खिलाया।

सपा शासन में जिस मुजफ्फरनगर की पहचान दंगों से होती थी, सीएम योगी ने वहां की पहचान विकास से कराई। सीएम योगी ने अगस्त में ही मुजफ्फरनगर में 22 अगस्त को 4952 युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपा था। यहां 30 करोड़ से अधिक का ऋण वितरण किया गया। 2500 से अधिक युवाओं को स्मार्टफोन व टैबलेट वितरित किया गया।

सीएम योगी ने अलीगढ़ में भी विकास कार्यों को खूब गंगा बहाई। अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय का निर्माण भी सीएम योगी ने कराया। यहां डिफेंस कॉरिडोर भी है। बगल में जेवर एयरपोर्ट, फिल्म सिटी व ट्वाय सिटी के निर्माण के बाद अलीगढ़ के लोगों को भी काफी लाभ मिलेगा। इसके साथ ही सीएम योगी ने अलीगढ़ में युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरण, ऋण वितरण, स्मार्टफोन-टैबलेट वितरण व लोकार्पण-शिलान्यास कर विकास कार्यों की सौगात दी।

सीएम योगी ने मझवां (मीरजापुर जनपद) में भी विकास की कई सौगात दी है। यहां मां विंध्यवासिनी विश्वविद्यालय, मां विंध्यवासिनी का भव्य कॉरिडोर, मेडिकल कॉलेज, हर घर नल समेत अनेक योजनाओं की सौगात से इस जनपद को जोड़कर यहां का चतुर्दिक विकास भी कराया है। सितंबर के पहले सप्ताह में सीएम योगी ने यहां लगभग 5000 युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किया। 13 करोड़ से अधिक का ऋण वितरण किया। यहां लगभग 1300 युवाओं को स्मार्टफोन व टैबलेट वितरित किया।

सीएम योगी ने प्रयागराज वासियों को अलग पहचान दिलाई है। 2019 कुंभ की शानदार सफलता के बाद सीएम योगी के नेतृत्व में 2025 में यहां प्रयागराज महाकुंभ को अद्वितीय बनाने की तैयारी चल रही है। एक तरफ आध्यात्मिक रूप से प्रयागराज समृद्धशाली हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ प्रयागराज में विकास के कई बड़े-बड़े कार्य हुए हैं। प्रयागराज से पश्चिमी यूपी को जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण भी तेजी से चल रहा है।

सीएम योगी ने गाजियाबाद में विकास का बड़ा कार्य कराया है। सीएम योगी के प्रयास से यहां एम्स के सेटेलाइट सेंटर बनाने का प्रयास चल रहा है। दुग्धेश्वर नाथ कॉरिडोर का निर्माण आदि भी योगी के नेतृत्व में अग्रसर है। सितंबर मास में सीएम योगी ने गाजियाबाद में युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित करने के साथ, ऋण वितरण, स्मार्टफोन-टैबलेट वितरण व विकास परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास भी किया थाा।

सीएम योगी ने मुरादाबाद को भी विश्वविद्यालय का तोहफा सौंपा है। सीएम ने मुरादाबाद के पीतल उद्योग को नया जीवन दिया। इससे न सिर्फ हिंदु, बल्कि सभी जाति-समुदाय को विकास की धारा से जोड़ा। सीएम ने यहां सितंबर के प्रथम सप्ताह में 7200 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपा। करोड़ों रुपये का ऋण वितरित किया। युवाओं को स्मार्टफोन-टैबलेट वितरण किया। यहां सीएम ने विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास भी किया।

बंटेंगे तो कटेंगे का नारा, यूपी मॉडल की धूम… योगी की बढ़ती नेशनल डिमांड का इशारा क्या है?

योगी आदित्यनाथ के लिए सबसे महत्वपूर्ण तो यूपी के उपचुनाव था . लेकिन, ऐन उसी वक्त महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव कैंपेन में भी योगी आदित्यनाथ की भारी डिमांड थी . महाराष्ट्र के कई इलाकों में तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर के साथ ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले स्लोगन वाले होर्डिंग भी देखे गये  – और शायद ही कोई उनकी चुनावी रैली होती हो, जहां योगी आदित्यनाथ अपना ये नारा न दोहराते हों.

बांग्लादेश के हालात का जिक्र करते हुए अगस्त, 2024 में योगी आदित्यनाथ ने कहा था, ‘कोई राष्ट्र तभी मजबूत रह सकता है… जब हम एकजुट, और धर्मनिष्ठ रहेंगे… बंटेंगे तो कटेंगे.’ और उसके बाद से तो ये नारा जैसे वायरल ही हो गया.

समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव, AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी और शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने योगी आदित्यनाथ के बयान की आलोचना जरूर की थी, लेकिन योगी आदित्यनाथ का बयान आने के कुछ ही दिन बाद इस तरह की बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों में सुनी गईं.

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना था, देश के इतिहास में किसी भी राजनीतिक दल ने इससे अधिक नकारात्मक नारा नहीं दिया है. असदुद्दीन ओवैसी कह रहे थे, योगी आदित्यनाथ के राज्य में मुस्लिमों के घर बुलडोजर से तोड़े जा रहे हैं… वो खुद मुसलमानों के खिलाफ़ नफरत भरे भाषण देते हैं… ठोक दूंगा कहते हैं.

जातीय राजनीति के खिलाफ योगी की मुहिम

चुनावी सभाओं के अलावा योगी आदित्यनाथ ने दिवाली के मौके पर अयोध्या में अपने भाषण में भी हिंदुओं को बंट जाने से बचने के लिए आगाह किया था – और यही बात वो झारखंड की एक चुनावी रैली में भी समझा रहे थे.

झारखंड में बीजेपी के चुनाव कैंपेन के दौरान योगी आदित्यनाथ लोगों से कह रहे थे, अपनी ताकत का एहसास करवाइये… जातियों में बंटना नहीं है… जाति के नाम पर कुछ लोग आपको बांटेंगे… कांग्रेस और विपक्ष यही काम करते हैं.

चेतावनी के साथ लोगों से एकजुट होने की अपील करते हुए योगी आदित्यनाथ कहते हैं, ये लोग बांग्लादेशी घुसपैठियों, रोहिंग्या को बुला रहे हैं… एक दिन ये लोग आपको घर के अंदर घंटी और शंख भी नहीं बजाने देंगे… इसलिए, एक रहिए और नेक रहिए… मैं तो कहता हूं, देश का इतिहास गवाह है… जब भी बंटे हैं, निर्ममता से कटे हैं.

जिस तरह से योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे को मोहन भागवत और नरेंद्र मोदी ने समर्थन दिया है, लगता है कि इसे कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित इंडिया ब्लॉक की तरफ से चल रहे जातीय जनगणना के अभियान को काउंटर करने की कोशिश चल रही है.

बीजेपी को ये बात भी समझ आ चुकी है कि जातीय राजनीति के असर की वजह से ही यूपी में लोकसभा की सीटें घट गई हैं – और अब तो हर हाल में उपचुनाव में ज्यादा से ज्यादा विधानसभा सीटें जीतकर समर्थकों में एक मजबूत संदेश देने की जरूरत आ पड़ी है.

अव्वल तो यूपी में डीजीपी की नियुक्ति को लेकर योगी आदित्यनाथ के फैसले में अलग ही संदेश छुपा नजर आता है, लेकिन ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा देकर योगी आदित्यनाथ बिलकुल वही काम कर रहे हैं जो संघ को पसंद है. संघ कभी नहीं चाहता कि किसी भी सूरत में हिंदू समुदाय अलग अलग जातियों में बंट जाये.

चुनाव कैंपेन के लिए योगी की बढ़ती डिमांड

अभी झारखंड में योगी आदित्यनाथ की तीन रैलियां हो रही हैं. महाराष्ट्र में भी आने वाले दिनों में योगी आदित्यनाथ की करीब 15 रैलियां होने वाली हैं, जो राज्य के अलग अलग हिस्सों में होंगी.

हरियाणा विधानसभा चुनाव में तो योगी आदित्यनाथ का जलवा देखा ही जा चुका है, महाराष्ट्र में तो ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले नारे के होर्डिंग भी लगाये गये थे. ऐसे होर्डिंग मुंबई और ठाणे जैसे इलाकों में देखे गये. होर्डिंग लगाने वाले नेताओं का कहना है कि महाराष्ट्र चुनाव हिंदुओं को एकता का संदेश देने के मकसद से ये होर्डिंग लगाये गये.

योगी के नये फैन बन गये हैं पवन कल्याण

जिस योगी मॉडल की मिसाल आंध्र प्रदेश में डिप्टी सीएम पवन कल्याण दे रहे हैं, झारखंड के चुनाव कैंपेन में योगी आदित्यनाथ खुद ही बखान कर रहे थे. कह रहे थे, 2017 के बाद उत्तर प्रदेश में जो बुलडोजर चलना शुरू हुआ, उसके बाद से कुछ जेल में हैं… और कुछ का राम नाम सत्य हो गया है… उत्तर प्रदेश से माफिया का सफाया हो गया है… जैसे गधे के सिर से सींग गायब हो जाता है, वैसे ही.

यूपी में भले ही योगी आदित्यनाथ को बीजेपी नेताओं की तरफ से रह रह कर चुनौतियां पेश की जाती हों, लेकिन दूसरे कई प्रदेशों में बीजेपी सरकारें योगी मॉडल को फॉलो करती देखी जा चुकी हैं, खासकर बुलडोर वाला ऐक्शन. योगी मॉडल की दुहाई दे रहे पवन कल्याण एनडीए में शामिल जरूर हैं, लेकिन बीजेपी के नेता तो हैं नहीं – लेकिन वो भी योगी मॉडल की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए अपनी सरकार के मंत्री को नसीहत दे रहे हैं.

हाल ही में पवन कल्याण ने ऐलान क‍िया था क‍ि सनातन धर्म की रक्षा के लिए जनसेना में एक अलग शाखा शुरू की जा रही है… जिसका नाम होगा, नरसिंह वरही गणम.

जनसेना पार्टी के नेता पवन कल्याण हाल के दिनों में काफी आक्रामक नजर आने लगे हैं. गवर्नेंस के योगी मॉडल की बात करते हुए पवन कल्याण अपने ही कैबिनेट साथी पर भड़के हुए देखे गये. बोले, मैं गृह मंत्री अनिता से कह रहा हूं कि उनको और अधिक एक्‍ट‍िव होना चाहिए… ऐसी स्थिति नहीं आनी चाहिए कि मुझे गृह मंत्री का पदभार संभालना पड़े… अगर मैं गृह मंत्री का पदभार संभालता हूं तो हालात काफी बदल जाएंगे.

पवन कल्याण का कहना था, हमारी एनडीए सरकार के तहत, कानून-व्यवस्था पिछली सरकार जैसी नहीं होनी चाहिए… अपराधियों के साथ वैसा ही व्यवहार किया जाना चाहिये जैसा उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार करती है… तभी वे अपना तरीका बदलेंगे.