कुश्ती में चैंपियन, स्पोर्ट्स कोटे से चयन, आजम खान से बहस…कौन हैं संभल के डिप्टी SP अनुज चौधरी, जिनके पैर में लगी गोली?

यूपी के संभल में हुई हिंसा में बलवाइयों की गोली से घायल डिप्टी एसपी अनुज चौधरी एक बार फिर चर्चा में है. अनुज चौधरी संभल से पहले रामपुर में तैनाती के दौरान सपा सांसद आजम खान से बहस के बाद चर्चा में आए थे. ऐसे में आइए जानते हैं आखिर कौन हैं अनुज चौधरी?

आपको बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती में देश का मान बढ़ा चुके अनुज चौधरी स्पोर्ट्स कोटे से उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए थे. अर्जुन अवॉर्डी अनुज चौधरी पुलिस फोर्स में लंबी-चौड़ी कद काठी, फिटनेस के साथ-साथ अपने बेधड़क अंदाज से हमेशा चर्चा में रहते हैं.

मुजफ्फरनगर के बहेड़ी गांव से ताल्लुक रखने वाले अनुज चौधरी ने 2002 और 2010 के नेशनल गेम्स में दो सिल्वर मेडल जीते थे और एशियाई चैंपियनशिप में दो ब्रॉन्ज मेडल जीते थे. 1997 से 2014 तक वो कुश्ती में नेशनल चैंपियन रहे. 2001 में उन्हें लक्ष्मण अवॉर्ड मिला. फिर 2005 में अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा गया. इसके बाद अनुज चौधरी को यूपी सरकार में स्पोर्ट्स कोटे से उत्तर प्रदेश पुलिस में नौकरी मिली और वो 2012 बैच के डिप्टी एसपी बनाए गए.

आजम खान से हुई थी बहस 

बीते साल अनुज चौधरी का समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान से उस समय विवाद हो गया था जब आजम खान सपा प्रतिनिधिमंडल के साथ मुरादाबाद कमिश्नर से मिलने जा रहे थे. इस दौरान सीओ सिटी रहते अनुज चौधरी ने उनसे कह दिया कि सिर्फ 27 लोग ही अंदर जाएंगे. जिस पर आजम खान ने कहा कि समाजवादियों ने ही पहलवानों को रिकॉग्नाइज किया था, अखिलेश यादव का एहसान याद है ना? इस पर अनुज चौधरी ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि एहसान कैसा, अर्जुन अवॉर्ड मिला है, किसी के एहसान से अर्जुन अवॉर्ड नहीं मिलता.

संभल हिंसा हुए घायल

अनुज चौधरी उस वक्त भी सुर्खियों में रहे थे, जब राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान वो संभल में एक शख्स को हिदायत दे रहे थे और कह रहे थे कि लोग खुशियां मनाएंगे, अगर किसी को पसंद नहीं तो साइड में हो जाए, लेकिन अगर किसी ने व्यवधान डाला, कानून-व्यवस्था बिगाड़ी तो सबक सिखाया जाएगा.

कुछ समय पहले इन्हीं अनुज चौधरी का ऑन ड्यूटी एक धार्मिक कार्यक्रम में भजन गाते का वीडियो वायरल हुआ था. अब एक बार फिर संभल हिंसा के बाद डीएसपी अनुज चौधरी चर्चा में हैं.

रविवार को जामा मस्जिद के सर्वे के बाद हिंसा में अनुज चौधरी के पैर में गोली लगी है. मामले में दर्ज एफआईआर में कहा गया कि बलवाइयों ने अनुज चौधरी को गोली मारी है. इस बीच जब मीडिया ने उनसे बात की तो उन्होंने कहा कि हम मरने के लिए पुलिस में नहीं आए है, हमारा भी परिवार है, बच्चे हैं, बचाव में गोली चलाएंगे ही, हमे आत्मरक्षा का अधिकार है.

नमाज के बाद भड़काऊ बातें, फिर जिस DSP को हटाने का वीडियो वायरल… उन्हीं को जान से मारने के लिए दागी गोली: संभल हिंसा में FIR से सामने आई जानकारी

संभल मुस्लिम भीड़ DSPउत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार (24 नवंबर 2024) को मुस्लिम भीड़ ने पुलिस पर हमला बोल दिया था। यह हमला तब किया गया, जब वहाँ की जामा मस्जिद में कोर्ट के आदेश पर सर्वे चल रहा था। घटना के बाद विपक्षी दलों द्वारा सुरक्षा बलों के बजाय दंगाइयों को समर्थन मिला। हालाँकि इस हिंसा की FIR सामने आने के बाद कहानी कुछ और ही निकल कर आ रही है। सामने आई एक और FIR में खुलासा हुआ है कि दंगाइयों ने उसी डिप्टी एसपी को टारगेट कर के गोली मारी थी, जिनके खिलाफ भीड़ लगातार बयानबाजी कर रही थी। कई दुकानों को भी भीड़ ने निशाना बनाया और आगजनी की।

ऑपइंडिया को मिली एक अन्य FIR में सब इंस्पेक्टर दीपक राठी शिकायतकर्ता के तौर पर दर्ज हैं। दीपक राठी संभल शहर में बतौर चौकी इंचार्ज तैनात हैं। रविवार को उन्होंने थाना कोतवाली संभल में तहरीर दी है। तहरीर में दीपक ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर चल रहे सर्वे की टीम को सुरक्षा प्रदान करने के लिए वो जामा मस्जिद पर ही अपनी टीम के साथ तैनात थे। सुबह लगभग 9 बजे 700 से 800 लोगों की भीड़ जामा मस्जिद के पास पहुँच गई।

दीपक राठी ने आगे बताया कि भीड़ के पास घातक हथियार मौजूद थे। इनका मकसद सर्वे के काम में बाधा डालना था। FIR में 2 दिन पहले शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषण का भी जिक्र है। इस भाषण को पुलिस ने राजनैतिक स्वार्थ की सिद्धि के लिए दिया गया बयान बताया है, जिससे भीड़ उग्र हुई थी। इसी तहरीर में आगे सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इक़बाल द्वारा भीड़ को जियाउर्रहमान के नाम पर उकसाने की बातें भी लिखी गई हैं।

सब इंस्पेक्टर राठी ने आगे बताया है कि उग्र हो रही भीड़ को उनके और DSP अनुज चौधरी द्वारा समझाने की बहुत कोशिश की गई। पुलिस की अपील का भीड़ पर कोई असर नहीं पड़ा। वह नारेबाजी करते हुए सरकारी काम में बाधा डालने लगी। थोड़ी ही देर में भीड़ ने पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। पुलिस के वाहनों सहित सार्वजनिक सम्पत्तियों और कुछ दुकानों को भी आग के हवाले कर दिया गया।

भीड़ के टारगेट पर पहले से DSP चौधरी

मुस्लिम भीड़ ने अपनी हिंसा में जिन डिप्टी एसपी अनुज चौधरी को निशाना बनाया, वो पहले से ही दंगाइयों के टारगेट पर थे। हिंसा के दिन भीड़ से बयानबाजी कर रहे एक व्यक्ति का वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में दिख रहा व्यक्ति भीड़ को शांत और DSP संभल को ही गलत बता रहा है। बयानबाज के मुताबिक DSP संभल ने भीड़ से बदतमीजी की है। उसने अपील भी की थी कि डिप्टी एसपी संभल को हटाया जाए।

DSP संभल को न सिर्फ गोली मारी गई बल्कि भीड़ ने बाकायदा टारगेट करके उनकी सरकारी गाड़ी पर भी हमला किया। ऑपइंडिया को मिली एक तस्वीर में CO लिखी गाडी पर हुई पत्थरबाजी के निशान साफ देखे जा सकते हैं। इस पथराव से DSP अनुज चौधरी की गाड़ी का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया है। साथ ही गाड़ी को अन्य हिस्सों में भी काफी नुकसान पहुँचा है।

मुस्लिम भीड़ की हिंसा में घायल DSP अनुज चौधरी का वीडियो सामने आया है। वीडियो में उनके पैरों में प्लास्टर बंधा दिखा रहा है। उन्होंने एक बयान में यह भी बताया कि हजारों की भीड़ पुलिसकर्मियों की जान लेने पर आमादा थी। आत्मरक्षा में पुलिस ने संतुलित कार्रवाई की। दंगाइयों के पक्ष में सवाल पूछ रहे पत्रकार से DSP संभल ने उलटे सवाल कर लिया। उन्होंने पूछा कि अगर भीड़ शांत थी तो आपने (पत्रकार) ने उसमें घुस कर वीडियोग्राफी क्यों नहीं की? इसी बयान में उन्होंने कहा, “इन जाहिलों के हाथों मरने के लिए पुलिस में भर्ती हुए हैं क्या?”