चंड़ीगढ़। राधे मां उर्फ सुखविंदर कौर की मुश्किलें बढ़ सकती है. राधे मां के खिलाफ़ कपूरथला के सुरिंदर मित्तल द्वारा दर्ज करवाई शिकायत पर हाईकोर्ट ने जांच करने के निर्देश दे दिए है. खुद को देवी का अवतार बताने वाली राधे मां की मुश्किलें बढ़नी अब तय है.
मंगलवार (18 दिसंबर) को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में कपूरथला के एसएसपी ने पेश होकर कहा कि उन्होंने राधे मां के खिलाफ मिली शिकायत को लेकर एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया है, जिसमें एक आईपीएस ऑफिसर और एक पीपीएस ऑफिसर हैं. यह एसआईटी एक महीने के भीतर इंक्वायरी कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. वहीं, राधे मां की वॉइस सैंपल को लेकर एसएसपी ने बताया कि फॉरेंसिक रिपोर्ट के मुताबिक, सुरेंद्र मित्तल को आए फोन की आवाज और राधे मां की आवाज सिमिलर है.
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में बताया कि सभी एविडेंस पुलिस को बहुत पहले दे दिए थे, लेकिन अब तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. यहां तक कि राधे मां और सुरिंदर मित्तल की बातचीत की सीडी पुलिस को दी गई, लेकिन पुलिस ने राधे मां के वॉयस सैंपल लेने के लिए उसे बुलाया नहीं, बल्कि टीवी इंटरव्यू से सैंपल लिए गए हैं.
हाईकोर्ट के 2015 के आदेशों की पालना नहीं होने पर याचिकाकर्ता के वकील के एस डडवाल ने कोर्ट को बताया कि तत्कालीन एसएसपी संजीव शर्मा ने कोर्ट में झूठा एफिडेविट दायर किया और कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास किया. एसएसपी संजीव शर्मा ने कहा था कि उनको हाईकोर्ट की तरफ से न कोई मेल आया न ही किसी तरह का उन्हें कोई आर्डर मिला, जबकि हाईकोर्ट की तरफ से मेल भेजा गया था और दस्ती नोटिस दिया गया था. हाईकोर्ट ने इस पर पंजाब पुलिस के डीजीपी को इंक्वायरी मार्क कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं. साथ ही इस पर भी 2 महीने के भीतर रिपोर्ट मांगी है.
आपको बता दें, फगवाड़ा के रहने वाले सुरेंद्र मित्तल ने याचिका दायर कर कहा कि राधे मां से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं कि वह उनके खिलाफ न बोलें. सुरेंद्र का कहना है कि उसने इस मामले में पुलिस से शिकायत की थी कि राधे मां जागरण में खुद को मां दुर्गा का अवतार कहकर त्रिशूल धारण कर बैठती हैं. इससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.
याचिका में कहा गया कि उनके साथ कई लोगों ने राधे मां का विरोध किया था और जागरण नहीं होने दिया था. इसके बाद उन्हें राधे मां की तरफ से पहले तो फोन कर रुपयों का ऑफर दिया गया. ऑफर स्वीकार न करने पर उन्हें धमकियां मिलने लगी कि वे उनके मामले में दखल न दें. धार्मिक भावनाएं आहत करने, रुपए ऑफर करने व धमकियां मिलने को लेकर उन्होंने पुलिस को शिकायत की. पुलिस ने राजनीतिक प्रभाव में कोई कार्रवाई नहीं की. याची ने इस पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की. बरहाल, एसएसपी कपूरथला के जवाब के बाद केस का निपटारा कर दिया गया. साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि अगर 2 महीने के भीतर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो केस को फिर से शुरू किया जा सकता है.