विराट कोहली की आक्रामकता पर इन दिनों पूर्व क्रिकेटरों से लेकर आम प्रशंसकों तक बहस छिड़ी हुई है. कई पूर्व क्रिकेटरों द्वारा विराट कोहली को ‘हद’ में रहने की सीख दिए जाने के बीच पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज जहीर खान और प्रवीण कुमार उनके समर्थन में उतर आए हैं. इन दोनों पूर्व गेंदबाजों का मानना है कि भारतीय कप्तान विराट कोहली जैसे हैं, उन्हें वैसा ही रहना चाहिए. इससे पहले माइकल हसी, मिचेल जॉनसन और भारत के संजय मांजरेकर ने कोहली के मैदानी व्यवहार की आलोचना की थी.
भारत और ऑस्ट्रेलिया (India vs Australia) मौजूदा चार मैचों की मौजूदा टेस्ट सीरीज में 1-1 से बराबरी पर हैं. दोनों टीमों के बीच सीरीज का तीसरा टेस्ट (Boxing Day Test) मेलबर्न में 26 दिसंबर से खेला जाएगा. भारतीय टीम आखिरी बार 1981 में सुनील गावस्कर की कप्तानी में मेलबर्न में टेस्ट मैच जीती थी. विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय टीम के पास सुनील गावस्कर की टीम इंडिया की जीत को दोहराने का मौका है.
विराट कोहली मौजूदा टेस्ट सीरीज में शानदार फॉर्म में हैं. लेकिन उनकी फॉर्म से ज्यादा चर्चा उनके व्यवहार की हो रही है. जहीर खान ने इस बारे में कहा, ‘मैं यही कहूंगा कि विराट को जो सबसे अच्छा लगता है, वे उस पर कायम रहें. आपको जिसमें सफलता मिलती है वे उस पर कायम रहें. आपको सफलता के अपने फॉर्मूले से नहीं हटना चाहिए. यह मायने नहीं रखता कि बाकी क्या कह रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया में सीरीज हमेशा इस तरह से कड़ी होती है.’
पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार ने भी जहीर खान का समर्थन किया. उन्होंने कहा, ‘कोहली अंडर-16, अंडर-19 और रणजी ट्राफी स्तर से ही आक्रामकता के साथ खेलता रहा है. अगर वह भारत की तरफ से खेलते हुए वही आक्रामकता दिखा रहा है तो यह क्या मुद्दा है. मैंने उसके साथ काफी क्रिकेट खेली है और मैं कह सकता हूं कि वह आक्रामकता के बिना अपनी सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट नहीं खेल सकता.’
मैंने विकेट का जश्न मनाने वाला ऐसा कप्तान नहीं देखा: बॉर्डर
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान एलन बार्डर भी विराट के आक्रामक व्यवहार का समर्थन कर चुके हैं. उन्होंने कहा, ‘मैने किसी कप्तान को उसकी टीम के विकेट लेने पर ऐसे जश्न मनाते नहीं देखा. यह जरूरत से ज्यादा है, लेकिन अच्छा भी है. उसमें जुनून है.’ उन्होंने यह भी कहा कि वह विदेशी सरजमीं पर जीतकर अपनी छाप छोड़ना चाहता है.’ बॉर्डर ने फाक्स क्रिकेट के कार्यक्रम में कहा, ‘हमारे खेल में इस तरह के ज्यादा लोग नहीं है. प्रोफेशनलिज्म से यह कुछ हद तक कम हो गया है.’