नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां देश भर की कई नदियों में विसर्जित की जाएंगी और इसकी शुरुआत आज यानी रविवार को हरिद्वार में गंगा नदी में उनकी अस्थियों के विसर्जन के साथ होगी. इस अस्थि कलश यात्रा में शामिल होने के लिए 200 बसों में 15000 बीजेपी कार्यकर्ता देहरादून से हरिद्वार पहुंच रहे हैं.
वाजपेयी की बेटी नमिता और पोती निहारिका आज सुबह स्मृति स्थल पहुंची और वहां से पूर्व प्रधानमंत्री के अस्थियों को एकत्रित किया. भाजपा नेता भूपेन्द्र यादव ने बताया कि पवित्र शहर में होने वाले विसर्जन कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित अन्य नेता शामिल होंगे.
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री के अस्थियों को लेकर जुलूस सुबह 10.45 बजे हरिद्वार के भल्ला कॉलेज ग्राउंड से शुरू होगा और हर की पौड़ी घाट पहुंचेगा जहां अस्थियों का विसर्जन किया जाएगा. स्वतंत्र भारत के करिश्माई नेताओं में शामिल वाजपेयी का निधन वृहस्पतिवार को 93 वर्ष की उम्र में हो गया था. नयी दिल्ली के राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर शुक्रवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.
यादव ने कहा कि भाजपा के कद्दावर नेता रहे वाजपेयी के लिए 20 अगस्त को दिल्ली में एक सर्वदलीय श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा और इसी तरह की एक और सभा का आयोजन 23 अगस्त को लखनऊ में होगा. उन्होंने कहा कि लखनऊ की सभा में गृह मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के अलावा वाजपेयी के रिश्तेदार भी शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री की अस्थियां वहां गोमती नदी में भी विसर्जित की जाएंगी.
यादव ने कहा कि दिल्ली में प्रार्थना सभा में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और प्रख्यात लोग शामिल होंगे. उन्होंने कहा, ‘उनके (वाजपेयी) अस्थि कलश को देश भर की विभिन्न पवित्र नदियों में विसर्जित किया जाएगा और अस्थि कलश को सभी जिला मुख्यालयों और राज्यों की राजधानियों में ले जाया जाएगा. प्रार्थना सभाओं का आयोजन राज्यों की राजधानी, जिला मुख्यालयों और पंचायत स्तर पर किया जाएगा.’
उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि वाजपेयी की अस्थियां लखनऊ हवाई अड्डे पर रविवार शाम पहुंचेंगी. रांची में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री की अस्थियां राज्य की चार-पांच नदियों में प्रवाहित की जाएंगी. उन्होंने कहा कि वाजपेयी ने झारखंड का निर्माण किया था और इसलिए उनका निधन हमारे लिए अपूरणीय क्षति है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक उन्होंने कहा कि सरकार उनके नाम पर कार्यक्रम शुरू करने और स्मारक बनाने पर भी विचार कर रही है ताकि आगामी पीढ़ियां उनके विचारों और कार्यों के बारे में जान सके.