क्रिकेट की दुनिया में जब भी तूफानी तेज गेंदबाजी का जिक्र होता है तो पहला नाम वेस्टइंडीज का आता है. 1970-80 के दशक में वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजों की तूती बोलती थी. उस दौर में माइकल होल्डिंग, एंडी रॉबर्ट्स, जोएल गार्नर और मैलकम मार्शल की आग उगलती गेंदों को खेलना सबसे मुश्किल माना जाता था. उसी दौर में भारत की छवि ऐसी टीम की थी, जिसके पास एक भी ढंग का तेज गेंदबाज (कपिल देव से पहले) नहीं था. लेकिन अब वह इतिहास की बात है. आज तेज गेंदबाजी में टीम इंडिया की धार का कोई सानी नहीं है. साल 2018 में विदेशों में क्रिकेट खेल रहे भारतीय तेज गेंदबाजों ने वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजों का 34 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है.
जसप्रीत बुमराह, इशांत शर्मा और मोहम्मद शमी की तिकड़ी ने इस साल (Calendar Year) 134 विकेट अपने नाम कर लिए हैं. भारतीय तिकड़ी ने इसके साथ ही वेस्टइंडीज की तिकड़ी (माइकल होल्डिंग, जोएल गार्नर और मैलकम मार्शल) के 1984 में बनाए 130 विकेट के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है.
साल 1984 में वेस्टइंडीज के इन तीनों पेसर ने एक साल में मिलकर 130 विकेट लिए थे. इसके बाद से अब तक किसी भी टीम के तीन तेज गेंदबाज मिलकर एक कैलेंडर साल में 130 विकेट का यह आंकड़ा नहीं छू पाए थे. लेकिन इस साल भारतीय तिकड़ी ने इस आंकड़े को पार कर नया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है.
टीम इंडिया के लिए इस साल जसप्रीत बुमराह ने 9 टेस्ट खेलकर 47 विकेट अपने नाम किए हैं. मोहम्मद शमी ने भी इस सल इतने ही विकेट अपने नाम किए हैं, लेकिन उन्होंने इसके लिए बुमराह से 3 टेस्ट ज्यादा खेले हैं. इसके अलावा इशांत शर्मा ने 11 टेस्ट मैच खेलकर 40 विकेट अपने नाम किए हैं.
एक साल में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली तेज गेंदबाजों की तिकड़ी की बात करें, तो इस मामले में भारत, वेस्टइंडीज के बाद तीसरे स्थान पर दक्षिण अफ्रीकी टीम का नाम आता है. साल 2008 में दक्षिण अफ्रीका के लिए डेल स्टेन, मोर्ने मोर्केल और मखाया एंटिनी की तिकड़ी ने मिलकर 124 विकेट अपने नाम किए थे.