भारत ने सीरीज के तीसरे क्रिकेट टेस्ट के पांचवें और अंतिम दिन रविवार को ऑस्ट्रेलिया को 137 रन से हराकर चार मैचों की सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली है. यूं तो इस जीत में सभी 11 खिलाड़ियों का योगदान है, लेकिन तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने विजय पताका फहराने में अर्जुन की तरह रोल निभाया है. यूं कहें कि पूरे मैच में बुमराह ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को गुमराह करके रखा और टीम इंडिया जीत गई. पूरे मैच में बुमराह ने 9 विकेट झटके हैं.
पहली पारी में बुमराह ने महज 15.5 ओवर की बॉलिंग में ऑस्ट्रेलिया के 6 बल्लेबाजों को पवेलियन भेज दिया. इसी का नतीजा रहा कि मेजबान की पूरी टीम अपनी ही धरती पर महज 151 रनों पर ढेर हो गई. दूसरी पारी में भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज बुमराह के सामने बेबस दिखे और उनकी गेंद पर तीन बल्लेबाज आउट होकर पवेलियन लौटे.
बुमराह के फैन बन गए हैं अमिताभ
दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन ने ट्वीट कर जसप्रीत बुमराह की जमकर तारीफ की है। अमिताभ ने ट्वीट किया- अहा! बहुत खूब विराट और टीम इंडिया। ठोक दिया कंगारू को। बुमराह तूने तो गुमराह कर दिया इन Aussies (ऑस्ट्रेलिया) को और यार कंगारू तू न , पंगा मत लिया कर भारत से। जिस दिन हमारी खोपड़ी सटकली, यही हश्र होगा!!
बुमराह ने चटकाए रिकॉर्ड विकेट
मेलबर्न टेस्ट खत्म होने तक बुमराह इस कैलेंडर साल में अब तक 48 विकेट ले चुके हैं जो एक कैलेंडर साल में विदेशी धरती पर किसी भारतीय गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. उन्होंने इसके लिए 9 टेस्ट (करियर के सभी मैच अब तक विदेश में ही खेले हैं) खेले हैं. उन्होंने मोहम्मद शमी (2018 में अब तक 41 विकेट) और पूर्व स्पिनर अनिल कुंबले (41 विकेट) को पीछे छोड़ा है.
इस वजह से घातक हैं बुमराह
भारत के गेंदबाजी कोच भरत अरूण ने कहा कि जसप्रीत बुमराह के अपरंपरागत गेंदबाजी एक्शन ने उन्हें विश्व क्रिकेट के सबसे खतरनाक तेज गेंदबाजों में से एक बना दिया है, क्योंकि विपक्षी टीम के बल्लेबाज के लिये उनकी गेंदों को समझना काफी मुश्किल हो जाता है. बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट में अभी तक 9 विकेट झटक लिये हैं और जनवरी में खेल के इस प्रारूप में पदार्पण के बाद उन्होंने 48 टेस्ट विकेट अपने नाम कर लिये हैं.
अरूण ने कहा, ‘बुमराह अपने अलग से गेंदबाजी एक्शन की वजह से काफी विशेष बन गया है. शायद बल्लेबाज उसकी गेंदों को थोड़ी देर से पकड़ पाते हैं जिससे वह काफी कारगर बन जाता है. निश्चित रूप से किसी भी तेज गेंदबाज को लगातार 145 किमी प्रति घंटे से या इससे ज्यादा की रफ्तार से गेंदबाजी करने के लिये हाथों से काफी तेज से गेंद निकालनी पड़ती है.’
उन्होंने चौथे दिन का खेल समाप्त होने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘बुमराह अपने गेंदबाजी एक्शन की वजह से टेस्ट में शुरूआत करने से पहले ही काफी अच्छा कर रहा था, हमें उस पर पूरा भरोसा था और उसकी गेंदों का सामना करने वाले ज्यादातर बल्लेबाजों ने कहा कि उसकी गेंदें समझना काफी मुश्किल था.’
अरूण ने कहा कि कोचिंग स्टॉफ को 25 वर्षीय बुमराह को मजबूत बनाये रखने के लिये काफी काम करना पड़ता है, क्योंकि उसके गेंदबाजी एक्शन उसके शरीर पर काफी बोझ पड़ता है. उन्होंने कहा, ‘मुझे बुमराह के साथ तब काम करने का मौका मिला जब वह अंडर-19 स्तर पर खेलता था, तब मैं एनसीए में था. मुझे लगा कि बुमराह अपने एक्शन से काफी तेज गेंदबाजी कर सकता है लेकिन इससे उसके शरीर पर असर पड़ता है. यह चुनौती थी और हमने इसके लिये फिजियो व ट्रेनर से चर्चा की थी. इसके बाद हमें लगा कि हमें उसे मजबूत बनाये रखने के लिये उस पर काम करना होगा.’