नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में राम मंदिर, सर्जिकल स्ट्राइक, आरबीआई, मॉब लिंचिंग जैसे तमाम मुद्दे पर सवालों के जवाब दिए. मॉब लिंचिंग पर पीएम मोदी ने बोलते हुए कहा कि ऐसी कोई भी घटना सभ्य समाज को शोभा नहीं देती है. ऐसी घटनाओं के पक्ष में कभी भी आवाज नहीं उठनी चाहिए. यह गलत है…सरासर निंदनीय है.
मोदी ने इस बात को और स्पष्ट करते हुए कहा कि क्या यह घटनाएं 2014 के बाद शुरू हुई हैं? यदि हां, तो यह समाज में आई कमी का भी एक परिणाम है. इस स्थिति को सुधारने के लिए हम सबको प्रयास करना चाहिए. मैं इस सरकार में ये होता है, उस सरकार में वह होता था, उस चर्चा को बढ़ाने के पक्ष में नहीं हूं. एक भी घटना हो, गलत है. यह बड़ा स्पष्ट मत है.
पीएम मोदी ने संविधान की भावना का हवाला देते हुए कहा कि महात्मा गांधी और आचार्य विनोबा भावे जो कह रहे थे, उसका हमें अनुसरण करना चाहिए. भारत के संविधान में जिन भावनाओं को प्रकट किया गया है, उसका भी आदर करना हम सबकी जिम्मेवारी है. देश के सभी नागरिकों की जिम्मेवारी है. हम दूसरों की भावनाओं का आदर करें तो हमारी भावनाओं की भी रक्षा होती है. यह माहौल बनाने में सभी समझदार लोगों को रोल निभाना चाहिए.
एक ही संप्रदाय को मानने वाले लोग एक-दूसरे को मारने में तुले
अरब कंट्री में बहुत बड़े मुस्लिम विद्वान हैं, उन्होंने एक बहुत अच्छा आर्टिकल लिखा था जो मैंने 1 साल पहले पढ़ा था. इन्होंने कहा कि भारत से हमें सीखना चाहिए कि जहां विश्व के सभी संप्रदाय रहते हैं, बहुत बड़ी मात्रा में जनसंख्या है लेकिन इतने मिलजुल कर प्यार से रहते हैं. जबकि हम एक ही संप्रदाय को मानने वाले लोग एक-दूसरे को मारने में तुले हुए हैं. ये गल्फ कंट्री में लिखा हुआ एक मुस्लिम आर्टिकल है. भारत को गर्व करना चाहिए कि हम सदियों से मिलजुल कर रह रहे हैं.हर चुनाव से पहले कुछ लोगों को असहिष्णुता दिखने लग जाती है तो ये किसी का एजेंडा होता है. इस पर टीका टिप्पणी करने का कोई मतलब नहीं है. हमारा तो मोटिव है सबका साथ-सबका विकास.