नई दिल्ली। सबरीमाला मंदिर में बुधवार को दो महिलाओं के प्रवेश के बाद उपजे प्रदर्शन में घायल हुई एक महिला की मौत गुरुवार को हो गई. यह महिला सबरीमाला कर्म समिति की कार्यकर्ता थी. बता दें कि बुधवार को दो महिलाओं के सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा के मंदिर में प्रवेश करने पर कई स्थानों पर विरोध-प्रदर्शन हुए थे. इनके प्रवेश के बाद विभिन्न हिन्दूवादी संगठनों के एक मुख्य संगठन ने गुरुवार को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है.
सबरीमाला मुद्दे पर बंद के आह्वान के दौरान सबरीमाला कर्म समिति और बीजेपी सदस्यों ने पंडालम में मार्च निकाला. वहीं केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बुधवार को हुई हिंसा पर कहा ‘अब तक प्रदर्शनों में 7 पुलिस वाहन, 79 रोडवेज बसें क्षतिग्रस्त हुई हैं. साथ ही 39 पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया है. अधिकांश महिलाओं पर ही हमले किए गए हैं.’
उन्होंने कहा ‘महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराना सरकार की जिम्मेदारी है. सरकार इस संवैधानिक जिम्मेदारी को निभा रही है.’ उन्होंने आरोप लगाया है कि बीजेपी और संघ माहौल बिगाड़ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि बुधवार को प्रदर्शन के दौरान चंद्रन उन्नीथन नाम की महिला पंडालम में घायल हुई थी. उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई.
महिलाओं के मंदिर में प्रवेश की खबर फैलने के बाद दक्षिणपंथी समूहों के कार्यकर्ताओं ने विरोध करते हुए राजमार्ग बाधित किए थे. उन्होंने दुकानों तथा बाजारों को बंद कराया था. ‘सबरीमला कर्म समिति’ की तरफ से सुबह से शाम तक के बंद की घोषणा करते हुए इसकी नेता केपी शशिकला ने कहा कि सरकार ने भक्तों को धोखा दिया है.
प्रतिबंधित आयु वर्ग (10 से 50 वर्ष) की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश देने के सुप्रीम कोर्ट के 28 सितंबर के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही समिति ने लोगों से उनके प्रदर्शन में उनका सहयोग करने की अपील की. शशिकला ने कहा कि पिनराई विजयन के मुख्यमंत्री के तौर पर इस्तीफा देने तक प्रदर्शन जारी रहेंगे. शशिकला ने कहा कि सरकार ने ‘‘कायर’’की तरह काम किया और महिलाओं को तड़के मंदिर ले गई.
बता दें कि काले रंग के परिधान पहने दो महिलाओं कनकदुर्गा (44 वर्ष) और बिंदू (42 वर्ष) ने हिन्दूवादी संगठनों की तमाम धमकियों की परवाह न करते हुए बुधवार तड़के भगवान अयप्पा के सबरीमला मंदिर में प्रवेश कर सदियों पुरानी परंपरा तोड़ दी थीं.
इस घटना के बाद बीजेपी और हिन्दूवादी संगठनों ने केरल में हिंसक प्रदर्शन किया था. राज्य सचिवालय करीब पांच घंटे तक संघर्ष स्थल में तब्दील हो गया और सत्तारूढ माकपा तथा बीजेपी के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई और उन्होंने एक दूसरे पर पत्थर फेंके थे. पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पानी की बौछार और आंसू गैस के गोलों का सहारा लेना पड़ा था.
मल्लपुरम में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का पुतला फूंका गया और जब बीजेपी के महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने सचिवालय परिसर में मुख्यमंत्री के कार्यालय के पास जबर्दस्ती करने की कोशिश की तो चार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया.
पुलिस ने कहा कि कई स्थानों पर सत्तारूढ माकपा के कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई जिससे तनाव पैदा हो गया. पथनमतित्ता जिले के कोन्नी और कोझेनचेरी में सरकारी केएसआरटीसी बसों को नुकसान पहुंचाया गया. मंदिर इसी जिले में स्थित है. पूरे राज्य में मंदिरों से जुड़े देवस्वोम बोर्ड के कार्यालयों को बंद कर दिया गया. हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए.