धारवाड़। कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी ने ‘राइट टू एजुकेशन’ (आरटीई) योजना को फर्जी स्कीम बताया है. सीएम कुमारस्वामी ने शुक्रवार को धारवाड़ में कन्नड़ साहित्य सम्मेलन में लोगों को संबोधित कर रहे थे. उनका यह बयान सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर आया है जिसमें कहा गया है कि कन्नड़ मीडियम (माध्यम) के स्कूलों को अंग्रेजी मीडियम के स्कूलों में बदला जाए. उन्होंने कहा कि डेढ़ लाख से ज्यादा छात्रों की फीस सरकार द्वारा दी गई है और वे आरटीई के तहत प्राइवेट अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में पढ़ रहे हैं. यह एक फर्जी योजना है.
K’taka CM HD Kumaraswamy at Kannada Sahitya Sammelana in Dharwad: Right of Children to Free and Compulsory Education (RTE) is a bogus scheme. Due to English, Kannada is vanishing. Let’s do a resolution that private convents & English medium schools in state should be privatized https://t.co/mJ7U8RlNBD
— ANI (@ANI) January 4, 2019
कुमारस्वामी ने कहा कि अंग्रेजी के कारण राज्य में कन्नड़ भाषा समाप्त हो रही है. उन्होंने लोगों से कहा कि हम संकल्प लेते हैं कि प्राइवेट कॉन्वेंट और अंग्रेजी मीडियम स्कूलों को राज्य में पूरी तरह से प्राइवेट सेक्टर में रखेंगे. बता दें कि 1 अप्रैल 2010 को यूपीए सरकार ने 6 से 14 की आयु के सभी बच्चों को मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा देने के उद्देश्य से शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) बनाया था. इस अधिनियम के पारित होने के साथ ही देश के हर बच्चे को शिक्षा का संवैधानिक अधिकार प्राप्त हो गया था.
गौरतलब है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत देश के हर 6 साल से 14 साल के बच्चे को पहली से आठवीं तक मुफ्त और अनिवार्य रूप से पढ़ने का अधिकार होगा. यह कानून निजी स्कूलों पर भी लागू होता है. इसके साथ ही बच्चों को स्कूल में अन्य सुविधाएं जैसे पेयजल, खेलकूद की सामग्री आदि भी मुफ्त में दी जाती हैं.