लखनऊ। इस्लामिक सेंटर ऑफ इण्डिया ने देश के मुसलमानों से, बकरीद का त्यौहार मनाने के लिये तय किए गए खर्च की रकम का कम से कम 10 फीसदी हिस्सा बाढ़ से आफतज़दा केरल में राहत के तौर पर देने की अपील की है. इस्लामिक सेंटर ऑफ इण्डिया के अध्यक्ष और ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि बकरीद कुरबानी के सच्चे जज्बे के मुजाहिरे का त्यौहार है और इस वक्त केरल के बाढ़ प्रभावित लोगों को हमारी मदद की सख्त जरूरत है.
उन्होंने कहा कि इन दिनों केरल में विनाशकारी बाढ़ आई है. इसमें 100 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और लाखों बेघर हो चुके हैं. मेरी मुसलमानों से अपील है कि बकरीद के मौके पर हर मुसलमान इस त्यौहार को मनाने के लिएये बनाए गए बजट का कम से कम 10 फीसदी हिस्सा राहत कोष में भेजे, ताकि वहां के लोगों की मदद हो सके.
मौलाना रशीद ने एक सवाल पर कहा कि बकरीद मनाए जाने से, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद घोषित सात दिन के राष्ट्रीय शोक पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि ईद-उल-अजहा पूरे देश में 22 अगस्त को मनाया जाएगा. उस दिन मुस्लिम लोग नमाज अदा करने के बाद अल्लाह के हुजूर में कुरबानी करके अपने अंदर त्याग का जज्बा पैदा करते हैं, ताकि जब भी कौम और मुल्क को किसी तरह की कुरबानी की जरूरत पड़े तो उसे पेश करने के लिए इंसान तैयार रहे. इस त्यौहार का मिजाज जश्न से कहीं ज्यादा कुर्बानी के जज्बे का है.