देश में जब भी बलात्कार की वीभत्स घटनाओं की बात होती है, तो सबसे पहले दिल्ली के निर्भया कांड का नाम सामने आता है. साल 2012 में पांच हैवानों ने एक मासूम लड़की के साथ जिस तरह से दरिंदगी की थी, उसे सुनकर हर किसी का दिल दहल उठा था. लेकिन आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में निर्भया केस से भी खौफनाक गैंगरेप की एक वारदात सामने आई है.
विशाखापट्टनम में रहकर काम करने वाली ओडिशा की एक नाबालिग के साथ पहले उसके प्रेमी ने शारीरिक संबंध बनाया. फिर अपने एक दोस्त के हवाले कर दिया, जिसने उसके साथ रेप किया. इस सदमे की वजह से पीड़िता ने जब जान देने की कोशिश की तो एक हैवान उसका हमदर्द बनकर सामने आया. उसे लेकर अपने घर गया, जहां उसने भी उसका रेप किया.
हैवानियत का सिलसिला यहीं तक नहीं रुका. वो हैवान अपने 10 अन्य दोस्तों के साथ उस पीड़िता को दो दिनों तक अपनी हवस का शिकार बनाता रहा. इस दौरान वो दर्द के मारे चीखती रही. तड़पती रही. उसकी आवाज कमरे से बाहर न जाए, इसलिए दरिंदों ने उसके मुंह में कपड़ा तक ठूंस दिया. किसी तरह से पीड़िता उनके चंगुल से छूटकर अपने गांव-घर पहुंची.
उसे देखकर उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखा चुके परिजनों ने राहत की सांस ली, लेकिन उसकी हालत देखकर हर कोई हैरान था. डरी सहमी पीड़िता कुछ बोलने में भी असमर्थ थी. लेकिन कुछ दिनों बाद जब उसने अपने साथ हुई हैवानियत की कहानी परिवार के लोगों को सुनाई तो सबका दिल दहल उठा. परिजन उसे लेकर तुरंत थाने गए, जहां उसका बयान दर्ज किया गया.
17 वर्षीय पीड़ित लड़की ओडिशा के कालाहांडी जिले के एक गांव की रहने वाली है. वो विशाखापट्टनम में एक शख्स के घर रहकर उसके कुत्ते की देखभाल करती थी. बताया जा रहा है कि 17 दिसंबर को उसका मालिक अपने परिवार के साथ बाहर गया था. उस दिन उसके बॉयफ्रेंड का जन्मदिन भी था. उसने उसे मिलने के लिए बुलाया तो वो उसके साथ आरके बीच चली गई.
उसके प्रेमी के साथ उसका एक दोस्त भी था. दोनों उसे लेकर एक लॉज में गए. वहां उसके साथ बलात्कार किया. इस बात से सदमे में आकर लड़की वापस बीच पर गई और अपनी जिंदगी खत्म करने की कोशिश करने लगी. तभी एक फोटोग्राफर ने उसे देखा और मदद की पेशकश की.
फोटोग्राफर उसे लेकर अपने कमरे पर गया. वहां अपने 10 दोस्तों के साथ गैंगरेप किया. दरिंदगी का ये सिलसिला करीब दो दिनों तक चलता रहा. पीड़िता किसी तरह इस गिरोह के चंगुल से भागने में सफल रही. वो अपने पैतृक जिले ओडिशा के कालाहांडी चली गई. मानसिक आघात की वजह से 31 दिसंबर, 2023 तक चुप रही.
इस मामले में पीड़िता के पिता ने पुलिस को सूचित था किया कि उनकी बेटी 17 दिसंबर की शाम से लापता है, जिसके बाद गुमशुदगी का मामला दर्ज किया गया था. उसके बरामद होने के बाद उसके बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 363, 376-डी, 342 और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया.
इसके बाद आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस की कई टीमें गठित की गई है. पुलिस विशाखापट्टनम और झारखंड में कई जगहों पर आरोपियों के तलाश में छापेमारी कर रही है. अभी तक 11 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. दो अन्य की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है. पीड़िता का बयान दर्ज करने के साथ ही उसका मेडिकल टेस्ट भी कराया गया है, जिसमें बलात्कार की पुष्टि हुई है.